Sensex और Nifty क्या हैं ? Sensex vs Nifty Difference in Hindi|स्टॉक मार्केट Beginners Guide -2025

Sensex और Nifty क्या हैं? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में आता है जो पहली बार शेयर बाजार के बारे में जानना चाहता है।

यह आर्टिकल खास तौर पर स्टॉक मार्केट Beginners Guide के रूप में लिखा गया है ताकि नए निवेशकों को आसानी से समझ आ सके।

यहाँ हम Sensex vs Nifty Difference in Hindi को सरल भाषा में समझाएंगे, ताकि आपको यह पता चले कि दोनों इंडेक्स कैसे काम करते हैं और क्यों ये शेयर बाजार की धड़कन माने जाते हैं।

Sensex और Nifty का महत्व सिर्फ कंपनियों की लिस्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि ये पूरे भारतीय शेयर बाजार की दिशा दिखाते हैं।

अगर आप जानना चाहते हैं कि Sensex और Nifty कैसे काम करते हैं, तो यह गाइड आपके लिए एकदम सही है।

“Sensex और Nifty क्या हैं ? Sensex vs Nifty Difference in Hindi|स्टॉक मार्केट Beginners Guide”

अगर आप सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते, तो शेयर मार्केट में सही निवेश करना मुश्किल हो जाएगा। ये दोनों भारतीय शेयर बाजार के सबसे महत्वपूर्ण इंडेक्स हैं। आपने अक्सर टीवी या अखबार में सुना होगा, जैसे—

  • सेंसेक्स आज इतना अंक बढ़ा।”
  • “आज सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट।”
  • सेंसेक्स और निफ्टी के गिरने से निवेशकों को नुकसान।”

इन समाचारों में सेंसेक्स और निफ्टी को प्रमुखता से दिखाया जाता है, क्योंकि इनसे आप आसानी से शेयर बाजार की दिशा समझ सकते हैं। यही कारण है कि इन इंडेक्स की जानकारी हर निवेशक के लिए बेहद जरूरी है।

अगर आप सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए बेहद उपयोगी है। यहां आपको step-by-step उन सभी सवालों का जवाब मिलेगा जो अक्सर नए निवेशकों के मन में आते हैं, जैसे:

  • Sensex और Nifty क्या हैं और इनका महत्व क्यों है?
  • Sensex vs Nifty Difference in Hindi – दोनों में क्या मुख्य अंतर है?
  • शेयर बाजार में Sensex और Nifty में तेजी और गिरावट क्यों आती है?
  • Sensex और Nifty कैसे काम करते हैं और इनकी गणना कैसे होती है?
  • BSE और NSE में कितनी और कौन सी कंपनियां शामिल हैं?
  • क्या एक कंपनी BSE और NSE दोनों में लिस्ट हो सकती है? BSE और NSE दोनों में लिस्ट हो सकती है?

इस आर्टिकल में हम आपको Sensex और Nifty से जुड़ी हर जानकारी आसान भाषा और उदाहरणों के साथ समझाएंगे। यकीन मानिए, इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के बाद आपके मन में इन दोनों इंडेक्स को लेकर कोई भी सवाल अधूरा नहीं बचेगा।

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चलिए अब विस्तार से समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं —

इस पोस्ट में आप जानेंगे-

सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?

सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?
सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?

Sensex और Nifty भारत के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स (Benchmark Index) हैं, जो देश की सबसे बड़ी और टॉप परफॉर्म करने वाली कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाते हैं। इन इंडेक्स का स्तर (Level) उन कंपनियों के शेयर प्राइस के आधार पर ऊपर या नीचे होता है।

सरल भाषा में कहें तो सेंसेक्स और निफ्टी एक वैल्यू (Value) या अंक (Points) होते हैं, जो शेयर मार्केट की दिशा (Direction) और उतार-चढ़ाव (Fluctuations) को दिखाते हैं।

जब Sensex या Nifty बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि देश की बड़ी कंपनियों को मुनाफा (Profit) हो रहा है और उनके शेयर प्राइस में तेजी आ रही है। ऐसे समय में निवेशकों के लिए फायदा होता है क्योंकि वे अपने शेयर ऊँचे दाम पर बेचकर अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं।

जब Sensex या Nifty गिरता है, तो यह संकेत देता है कि कंपनियों को नुकसान (Loss) हो रहा है और शेयर प्राइस में गिरावट आ रही है। इस वजह से मार्केट में भारी नुकसान देखने को मिलता है, और न्यूज़ हेडलाइंस बनती हैं जैसे — “आज सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट, निवेशकों को करोड़ों का नुकसान।”

इस तरह, सेंसेक्स और निफ्टी का बढ़ना या घटना सीधे तौर पर निवेशकों के फायदे और नुकसान से जुड़ा होता है।

सवाल उठता है कि आखिर सेंसेक्स और निफ्टी बढ़ते-घटते क्यों हैं? इसके पीछे के असली कारण और इससे जुड़ी अहम जानकारियां आपको आगे इस आर्टिकल में स्टेप-बाय-स्टेप मिलेंगी।

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What is Sensex and Nifty in Hindi

अगर आप शेयर मार्केट को समझना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) और इंडेक्स (Index) की मूलभूत जानकारी होना ज़रूरी है। साधारण शब्दों में कहें तो, Sensex वह इंडेक्स है जो BSE (Bombay Stock Exchange) की बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है, वहीं Nifty को NSE (National Stock Exchange) का प्रमुख इंडेक्स माना जाता है।

ये दोनों इंडेक्स शेयर बाजार की दिशा (Market Trend) और उसकी स्थिति (Market Condition) का आईना होते हैं और इन्हें ही निवेशक व विशेषज्ञ मार्केट के स्वास्थ्य का Benchmark मानते हैं।

स्टॉक एक्सचेंज क्या होते हैं? What is Stock Exchange

भारत में शेयर बाजार (Stock Market in India) वह जगह है जहां निवेशक कंपनियों के शेयर (Stocks) को खरीदते और बेचते हैं। भारत में इसके लिए दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज मौजूद हैं –
Bombay Stock Exchange (BSE) और National Stock Exchange (NSE)

दोनों एक्सचेंज पर देश की बड़ी कंपनियां सूचीबद्ध (Listed) होती हैं और निवेशक इनके शेयर खरीदकर निवेश कर सकते हैं। किसी भी कंपनी के पास यह अधिकार होता है कि वह चाहे तो केवल BSE पर लिस्ट हो, केवल NSE पर लिस्ट हो या फिर दोनों जगह एक साथ। यही कारण है कि कई बड़ी कंपनियां BSE और NSE दोनों पर लिस्टेड होती हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि BSE और NSE दोनों ही दुनिया के टॉप 10 स्टॉक एक्सचेंज में गिने जाते हैं।
👉 BSE में करीब 5000+ कंपनियां लिस्टेड हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 500 कंपनियां पूरे मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग 90% हिस्सा रखती हैं।
👉 वहीं NSE में 1600+ कंपनियां सूचीबद्ध हैं और इसका इंडेक्स “निफ्टी 50” भारत का सबसे लोकप्रिय बेंचमार्क है।

वैसे ही जैसे भारत में BSE और NSE हैं, वैसे ही अन्य देशों में भी उनके स्टॉक एक्सचेंज होते हैं। उदाहरण के लिए – अमेरिका में New York Stock Exchange (NYSE), जापान में Japan Exchange Group और जापान का मुख्य इंडेक्स है Nikkei 225

BSE vs NSE Difference

BSE vs NSE: अंतर एक नज़र में

फीचर BSE (Bombay Stock Exchange) NSE (National Stock Exchange)
स्थापना वर्ष 1875 (एशिया का सबसे पुराना) 1992 (भारत का सबसे आधुनिक)
लोकेशन मुंबई, भारत मुंबई, भारत
मुख्य इंडेक्स Sensex (30 कंपनियां) Nifty 50 (50 कंपनियां)
लिस्टेड कंपनियां 5000+ 1600+
वैश्विक रैंकिंग टॉप 10 स्टॉक एक्सचेंज टॉप 10 स्टॉक एक्सचेंज
निवेशक उपयोग ट्रेडिशनल निवेशक और पुराने शेयर अधिकतर नए निवेशक और डेरिवेटिव्स ट्रेड
टेक्नोलॉजी पुरानी संरचना (लेकिन अपडेटेड) पूरी तरह हाई-टेक और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम

Sensex और Nifty को क्यों बनाया गया है? Sensex और Nifty का महत्व

Sensex और Nifty क्यों बनाए गए?
शेयर बाज़ार की असली स्थिति समझना आसान नहीं होता। मान लीजिए, अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आज मार्केट कल के मुकाबले ऊपर गया है या नीचे, तो इसके लिए आपको हज़ारों कंपनियों के शेयर प्राइस चेक करने पड़ेंगे। फिर उनका औसत निकालना होगा और उसके बाद कल और आज की तुलना करनी होगी। यह प्रक्रिया समय लेने वाली और जटिल है।

इसी कठिनाई को आसान बनाने के लिए Sensex और Nifty जैसे इंडेक्स तैयार किए गए। ये इंडेक्स चुनिंदा बड़ी और प्रमुख कंपनियों के शेयर मूल्यों पर आधारित होते हैं। जब इन कंपनियों के शेयर ऊपर जाते हैं तो Sensex/Nifty भी ऊपर जाते हैं और जब ये नीचे आते हैं तो इंडेक्स भी गिरते हैं।

इसका मतलब है कि आप केवल Sensex और Nifty को देखकर ही तुरंत समझ सकते हैं कि शेयर मार्केट चढ़ रहा है या गिर रहा है।

👉 उदाहरण:
मान लीजिए, जब सरकार ने किसी बड़े बजट या नीति बदलाव की घोषणा की, तो निवेशकों को यह जानना होता है कि मार्केट पर इसका क्या असर पड़ा। अगर हर कंपनी का शेयर अलग-अलग देखना पड़े तो यह काफी मुश्किल होता। लेकिन Sensex और Nifty को देखकर तुरंत समझ आ जाता है कि उस दिन मार्केट ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है या नकारात्मक। यही इन इंडेक्स की सबसे बड़ी खासियत है।

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सेंसेक्स और निफ्टी में Index क्या है?

Sensex और Nifty क्या हैं?
भारतीय शेयर बाज़ार में Sensex और Nifty दो प्रमुख सूचकांक (Index) हैं जो यह बताते हैं कि देश की बड़ी कंपनियाँ किस तरह प्रदर्शन कर रही हैं। सरल भाषा में, इन्हें शेयर बाज़ार का बैरोमीटर कहा जाता है।

  • Sensex (BSE Index): यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की चुनिंदा बड़ी कंपनियों का समूह है।
  • Nifty (NSE Index): यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चुनिंदा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।

Index का असली मतलब क्या है?
Index यानी एक ऐसा मापदंड जिसमें देश की चुनिंदा बड़ी कंपनियों को लेकर उनकी मार्केट वैल्यू (Market Capitalization) का औसत निकाला जाता है।
👉 उदाहरण के लिए, BSE की लगभग 30 प्रमुख कंपनियों और NSE की लगभग 50 अग्रणी कंपनियों को लिया जाता है। इन कंपनियों के प्रदर्शन को मिलाकर एक अंक (value) बनाई जाती है। इसी अंक को हम Sensex या Nifty कहते हैं।

Index क्यों ज़रूरी है?

  • किसी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को समझने के लिए हर कंपनी को ट्रैक करना असंभव है।
  • इसीलिए कुछ बड़ी कंपनियों का एक सैंपल लिया जाता है जो पूरे मार्केट की तस्वीर दिखाता है।
  • जब Index ऊपर जाता है तो इसका मतलब है कि ज्यादातर कंपनियाँ अच्छा कर रही हैं।
  • अगर Index नीचे आता है तो इसका मतलब है बाज़ार और कंपनियों में गिरावट आई है।

👉 संक्षेप में:

  • Sensex = BSE की टॉप ~30 कंपनियाँ
  • Nifty = NSE की टॉप ~50 कंपनियाँ
  • Index = पूरे मार्केट का छोटा प्रतिनिधि (Sample)

निफ्टी [Nifty] क्या है?

Nifty क्या है?
Nifty शब्द दो भागों से मिलकर बना है – National (यानी National Stock Exchange) और Fifty (यानी 50 कंपनियाँ)। इसका सीधा मतलब है कि यह इंडेक्स NSE की टॉप 50 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। हिंदी में इसे अक्सर राष्ट्रीय सूचकांक भी कहा जाता है।

Nifty की शुरुआत और Base Value
निफ्टी की शुरुआत 1990 के दशक (1995) में हुई थी। उस समय इसकी base value को लगभग 1,000 अंक रखा गया था। आज की तारीख में निफ्टी 19,000 से भी ऊपर पहुँच चुका है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज़ रफ्तार ग्रोथ को दर्शाता है।

Nifty क्यों महत्वपूर्ण है?
निफ्टी में शामिल टॉप 50 कंपनियाँ ही पूरे भारतीय शेयर बाज़ार का लगभग 40–45% मार्केट कैपिटलाइजेशन कवर कर लेती हैं। ये सभी कंपनियाँ highly liquid होती हैं।
👉 Highly liquid का मतलब है कि इन कंपनियों के शेयर आसानी से खरीदे और बेचे जा सकते हैं, क्योंकि इनमें रोज़ लाखों-करोड़ों का ट्रेड होता है।

इसके उलट, छोटे स्टॉक्स (penny stocks) में liquidity बहुत कम होती है। कई बार अगर आप ऐसे शेयर खरीदने या बेचने का ऑर्डर लगाते हैं तो आपका order “pending” में फँस जाता है। इसीलिए निवेशकों के लिए सही रणनीति यही है कि हमेशा बड़ी और मजबूत कंपनियों (जैसे निफ्टी 50 की कंपनियाँ) में ही निवेश करें।

Nifty50 = NSE का Benchmark Index
Nifty को अक्सर Nifty 50 कहा जाता है क्योंकि इसमें NSE की सबसे बड़ी और भरोसेमंद 50 कंपनियाँ शामिल होती हैं। इनमें बैंकिंग, IT, ऊर्जा, ऑटोमोबाइल और FMCG जैसे सेक्टर्स की दिग्गज कंपनियाँ आती हैं।

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सेंसेक्स [Sensex] क्या है?

Sensex का मतलब क्या है?
Sensex शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – Sensitivity और Index। हिंदी में इसे संवेदी सूचकांक कहा जाता है। यह भारतीय शेयर बाज़ार की धड़कन माना जाता है क्योंकि यह बताता है कि बड़ी कंपनियाँ किस दिशा में बढ़ रही हैं और निवेशकों की धारणा (Market Sentiment) कैसी है।

सेंसेक्स की शुरुआत और Base Value
सेंसेक्स की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी। उस समय इसकी base value को लगभग 100 अंक तय किया गया था। आज के समय में यह बढ़कर 65,000 अंकों से ऊपर पहुँच चुका है। यह दिखाता है कि भारतीय शेयर बाज़ार ने पिछले कुछ दशकों में कितनी तेज़ी से विकास किया है।

Sensex कैसे काम करता है?
जैसा कि इसके नाम से समझ आता है, Sensex मार्केट की Sensitivity यानी लोगों की सोच और रुझान को दर्शाता है।

  • जब निवेशक मानते हैं कि किसी कंपनी का शेयर ऊपर जाएगा, तो वे ज़्यादा खरीदारी करते हैं → प्राइस बढ़ जाता है।
  • जब निवेशकों को लगता है कि कंपनी का भविष्य खराब है, तो वे शेयर बेचते हैं → प्राइस गिर जाता है।
    इसी तरह Sensex का उतार-चढ़ाव हमें यह संकेत देता है कि बाज़ार में उत्साह है या निराशा।

Sensex में कौन-सी कंपनियाँ आती हैं?
Sensex, BSE (Bombay Stock Exchange) की लगभग 30 सबसे बड़ी और मजबूत कंपनियों से मिलकर बना है। ये कंपनियाँ अलग-अलग क्षेत्रों से होती हैं जैसे:

  • बैंकिंग और फाइनेंस
  • आईटी और टेक्नोलॉजी
  • हेल्थकेयर
  • ऑटोमोबाइल
  • ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर

लेकिन सिर्फ 30 कंपनियाँ क्यों?
आप सोच सकते हैं कि जब BSE में हजारों कंपनियाँ लिस्टेड हैं, तो केवल 30 कंपनियों से पूरे मार्केट की तस्वीर कैसे सामने आ सकती है?
👉 इसका कारण यह है कि यह 30 कंपनियाँ ही कुल मार्केट कैपिटलाइज़ेशन का लगभग 45–50% हिस्सा कवर करती हैं। यानी सिर्फ यही कंपनियाँ आधे बाज़ार की तस्वीर दिखाने के लिए पर्याप्त हैं।

Sensex = BSE30
Sensex को अक्सर BSE30 भी कहा जाता है क्योंकि यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की लिस्टेड कंपनियों में से सिर्फ टॉप 30 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें Infosys, ITC, HDFC Bank, Reliance, और Asian Paints जैसी बड़ी कंपनियाँ शामिल होती हैं।

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आख़िर Sensex और Nifty तेजी से ऊपर-नीचे क्यों होते हैं?

शेयर बाज़ार में सेंसेक्स और निफ्टी की चाल सीधे तौर पर Demand और Supply के नियम पर निर्भर करती है।

  • जब कोई कंपनी अच्छा लाभ (Profit) कमाती है, तो उसके शेयरों की demand तेजी से बढ़ जाती है। demand ज़्यादा होने और supply कम होने के कारण उसका शेयर प्राइस ऊपर चला जाता है।
  • लेकिन अगर वही कंपनी नुकसान (Loss) में जाती है, तो निवेशक उसमें पैसा लगाना बंद कर देते हैं जिससे demand घटती है और उसके शेयर का भाव नीचे आ जाता है।

👉 यही trend व्यक्तिगत कंपनियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि जब टॉप कंपनियों में ऐसा बदलाव होता है, तो उसका असर पूरे Sensex और Nifty पर दिखाई देता है।

  • Sensex/Nifty ऊपर जाए → Bull Market (मार्केट में तेजी)
  • Sensex/Nifty नीचे आए → Bear Market (मार्केट में मंदी)

🔹 Example :

मान लीजिए आज Sensex 81,000 पॉइंट्स पर है।

  • अगर आने वाले दिनों में यह बढ़कर 88,500 पॉइंट्स तक चला जाता है, तो इसका मतलब है कि BSE की टॉप कंपनियों की financial performance मजबूत रही है और लोग उनके शेयर तेजी से खरीद रहे हैं।
  • लेकिन अगर यह घटकर 71,000 पॉइंट्स तक आ जाता है, तो इसका मतलब है कि कई बड़ी कंपनियाँ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाईं और निवेशकों ने अपने पैसे निकाल लिए।

उदाहरण के तौर पर, 2020 में कोविड-19 महामारी के समय Sensex लगभग 42,000 पॉइंट्स पर था। लेकिन अचानक निवेशकों के डर और भारी बिकवाली (panic selling) की वजह से यह गिरकर करीब 26,000 पॉइंट्स तक आ गया।

👉 जब मार्केट गिरता है, तो यह बताता है कि निवेशक भरोसा खो रहे हैं और देश की आर्थिक स्थिति पर दबाव है।
👉 वहीं, जब Sensex/Nifty ऊपर जाते हैं, तो यह economic growth और investor confidence का संकेत होता है।

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Budget ke Din Sensex Teji se Move Kyu Krata Hai

आपने अक्सर गौर किया होगा कि जब भी भारत का वार्षिक बजट पेश होता है, उस दिन शेयर बाज़ार में भारी volatility (उतार-चढ़ाव) देखने को मिलती है।

  • अगर बजट में लिए गए फैसले निवेशकों और इंडस्ट्री के लिए सकारात्मक (Positive) साबित होते हैं, तो Sensex और Nifty तेजी से ऊपर चढ़ जाते हैं।
  • वहीं, अगर बजट में घोषित नीतियाँ बाज़ार के लिए नकारात्मक (Negative) मानी जाती हैं, तो निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ता है और नतीजतन Sensex और Nifty में गिरावट (Downtrend) आ जाती है।

सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है? Sensex vs Nifty Difference in Hindi

Sensex-and-Nifty-Difference-in-hindi

Sensex और Nifty में अंतर (Difference Between Sensex and Nifty in Hindi):

हालाँकि Sensex और Nifty दोनों ही भारत की टॉप कंपनियों का स्टॉक मार्केट इंडेक्स हैं और दोनों का मक़सद मार्केट की दिशा दिखाना है। फिर भी इनके बीच कुछ खास अंतर मौजूद हैं:

  • Sensex बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का इंडेक्स है, जबकि Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का इंडेक्स है।
  • Sensex में BSE की 30 सबसे बड़ी कंपनियाँ शामिल होती हैं, वहीं Nifty में NSE की 50 दिग्गज कंपनियाँ होती हैं।
  • Sensex को calculate करने के लिए Base Year 1978-79 और Base Value 100 ली गई है, जबकि Nifty की गणना में Base Year 1995 और Base Value 1000 का इस्तेमाल किया गया।

Sensex vs Nifty (Comparison Table)

विशेषता (Feature)Sensex (सेंसेक्स)Nifty (निफ्टी)
किसका इंडेक्स है?बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
शामिल कंपनियाँ30 टॉप कंपनियाँ50 टॉप कंपनियाँ
Base Year1978-791995
Base Value1001000
दूसरा नामBSE-30Nifty-50

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सेंसेक्स और निफ्टी की गणना किस तरह की जाती है? How to Calculate Sensex Nifty

सेंसेक्स और निफ्टी कैसे कैलकुलेट किए जाते हैं? आज हर निवेशक यह जानना चाहता है कि Sensex और Nifty की वैल्यू आखिर कैसे निकलती है। पहले (2003 से पहले) इन इंडेक्स को कंपनी की कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Capitalization) के आधार पर निकाला जाता था, लेकिन 2003 के बाद से इसे Free Float Market Capitalization पद्धति से कैलकुलेट किया जाता है।

Market Capitalization क्या होता है?

किसी भी कंपनी की Market Capitalization =
👉 कुल शेयरों की संख्या × प्रति शेयर का भाव (Price per Share)

उदाहरण:
मान लीजिए एक PQR कंपनी है जिसके कुल 1,000 शेयर हैं। इनमें से प्रत्येक शेयर का दाम ₹50 है।
तो कंपनी की कुल Market Cap होगी –
1000 × 50 = ₹50,000

यानी कंपनी की कुल वैल्यू ₹50,000 मानी जाएगी।

Free Float Market Capitalization क्या है?

Market Cap में तो कंपनी के सारे शेयर गिने जाते हैं – चाहे वो पब्लिक के पास हों या Promoters/Owners के पास।

लेकिन Free Float Market Cap में केवल वो शेयर गिने जाते हैं जो जनरल पब्लिक या रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए उपलब्ध हों। Promoters, Directors या Owners के पास जो शेयर हैं, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाता।

उदाहरण:
उसी PQR कंपनी में से 1,000 शेयर में से 700 शेयर पब्लिक के पास हैं और 300 शेयर Promoters के पास।
तो Free Float Market Cap होगी –
700 × 50 = ₹35,000

सेंसेक्स (Sensex) की Calculation कैसे होती है?

Sensex की वैल्यू निकालने के लिए, BSE (Bombay Stock Exchange) की टॉप 30 कंपनियों की Total Free Float Market Capitalization को जोड़ा जाता है।

मान लीजिए:

  • कंपनी A की Free Float M.Cap = ₹80,000
  • कंपनी B की Free Float M.Cap = ₹1,20,000
  • कंपनी C की Free Float M.Cap = ₹1,00,000

तो इनका कुल Free Float Market Cap होगा = ₹3,00,000

अब जब Sensex पहली बार 1979 में लॉन्च हुआ था, तब इसकी Base Value 100 रखी गई थी ताकि कैलकुलेशन आसान रहे।
तो Sensex = (कुल Free Float Market Cap ÷ Base Market Cap) × 100

निफ्टी (Nifty) की Calculation कैसे होती है?

How-to-calculate-stock-market-index

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Sensex की तरह ही, Nifty भी Free Float Market Cap पर आधारित है, लेकिन इसमें 50 कंपनियां शामिल होती हैं
जब Nifty को 1995 में NSE ने शुरू किया, तब इसकी Base Value 1000 रखी गई।

मान लीजिए:

  • NSE की टॉप 50 कंपनियों का कुल Free Float Market Cap = ₹12,00,000
  • Base Market Cap (1995 का) = ₹12,000

तो Nifty = (12,00,000 ÷ 12,000) × 1000 = 1,00,000 पॉइंट्स

Conclusion:

  • Sensex और Nifty दोनों ही Free Float Market Capitalization पर आधारित हैं।
  • Sensex = टॉप 30 BSE कंपनियों पर आधारित (Base Value = 100)
  • Nifty = टॉप 50 NSE कंपनियों पर आधारित (Base Value = 1000)
  • इनकी वैल्यू शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव और कंपनियों की Market Cap के हिसाब से लगातार बदलती रहती है।

क्या कोई कंपनी एक साथ BSE और NSE दोनों शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हो सकती है?

कोई भी कंपनी चाहे तो अपने शेयर को दोनों स्टॉक एक्सचेंज (BSE और NSE) पर एक साथ लिस्ट करा सकती है। इसका फायदा यह होता है कि कंपनी के शेयर ज़्यादा निवेशकों तक पहुँच पाते हैं और ट्रेडिंग में liquidity भी बढ़ जाती है।

इसे एक उदाहरण से समझें: मान लीजिए आपने एक मोबाइल खरीदना है। यह मोबाइल आपको Reliance Digital और Croma Store दोनों जगह पर मिल जाएगा। अब आपके पास विकल्प है कि आप किस स्टोर से खरीदना चाहते हैं — जहाँ दाम और सुविधा बेहतर लगे।

ठीक इसी तरह एक ही कंपनी के शेयर आपको NSE और BSE दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध होते हैं। अब यह निवेशक की पसंद है कि वह किस एक्सचेंज से शेयर खरीदे या बेचे।

📌 ध्यान रखने योग्य बातें:

  • एक कंपनी कई एक्सचेंज पर लिस्ट हो सकती है।
  • हर एक्सचेंज पर शेयर का दाम थोड़ा अलग हो सकता है, क्योंकि यह buyers और sellers की demand-supply पर निर्भर करता है।
  • जैसे किसी मार्केट में एक ही चीज़ का भाव अलग-अलग दुकानों पर बदल सकता है, उसी तरह NSE और BSE पर भी शेयर प्राइस में हल्का फर्क देखने को मिलता है।

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FAQ on Sensex और Nifty क्या हैं

FAQs – Sensex & Nifty

1. Sensex और Nifty क्या हैं?

Sensex BSE का मुख्य इंडेक्स है जिसमें 30 कंपनियाँ शामिल हैं।
वहीं Nifty NSE का इंडेक्स है जिसमें 50 प्रमुख कंपनियाँ शामिल होती हैं।

2. Sensex और Nifty क्यों बनाए गए हैं?

इन्हें शेयर बाजार की समग्र स्थिति और निवेशकों के भरोसे को मापने के लिए बनाया गया है।
इससे बाजार ट्रेंड और आर्थिक हेल्थ जल्दी समझी जा सकती है।

3. Sensex और Nifty कैसे कैलकुलेट होते हैं?

पहले इन्हें Market Capitalization से कैलकुलेट किया जाता था।
अब इन्हें Free Float Market Capitalization पद्धति से गिना जाता है।

4. Sensex और Nifty में तेजी या गिरावट क्यों आती है?

कंपनियों के नतीजे, सरकारी नीतियाँ और विदेशी निवेश इंडेक्स में उतार-चढ़ाव लाते हैं।
ग्लोबल मार्केट और आर्थिक हालात भी असर डालते हैं।

5. क्या एक कंपनी BSE और NSE दोनों में लिस्ट हो सकती है?

हाँ, अधिकांश बड़ी कंपनियाँ दोनों एक्सचेंज में लिस्टेड होती हैं।
इससे liquidity बढ़ती है और निवेशकों को विकल्प मिलते हैं।

6. बजट के समय Sensex और Nifty क्यों बदलते हैं?

बजट की घोषणाएँ जैसे टैक्स और नीतियाँ कंपनियों की ग्रोथ पर असर डालती हैं।
इसी वजह से इंडेक्स में तुरंत तेजी या गिरावट दिखाई देती है।

7. Sensex और Nifty में क्या अंतर है?

Sensex में 30 कंपनियाँ शामिल होती हैं और यह BSE का इंडेक्स है।
Nifty में 50 कंपनियाँ होती हैं और यह NSE का इंडेक्स है।

अगर आप शेयर बाजार को सही मायनों में समझना चाहते हैं, तो हमारे ब्लॉग के अन्य लेख भी जरूर पढ़ें। हम समय-समय पर ThetaOptionTrading.com and YouTube Channel पर ऐसे विषयों पर जानकारी साझा करते हैं जो आपको स्टॉक्स की गहराई, मार्केट के व्यवहार और इन्वेस्टमेंट से जुड़ी सोच को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे।”

Conclusion: Sensex और Nifty क्या हैं ? Sensex vs Nifty Difference in Hindi

अगर आप यहाँ तक पढ़ चुके हैं तो अब तक आपको Sensex और Nifty को लेकर सारी शंकाएँ साफ़ हो जानी चाहिए। अब आप यह अच्छे से समझ चुके होंगे कि Sensex और Nifty क्या होते हैं, इन दोनों में क्या फर्क है और इनका कैलकुलेशन कैसे किया जाता है।

फिर भी अगर आपके मन में अभी भी कोई छोटा सा भी सवाल बचा है, तो बेझिझक नीचे कमेंट सेक्शन में पूछें। हम कोशिश करेंगे कि आपको सबसे आसान और सही जवाब मिल सके।

और हाँ, अगर यह जानकारी आपको उपयोगी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ ज़रूर शेयर करें, खासकर उन लोगों के साथ जो stock market basics समझना चाहते हैं। हो सकता है आपकी एक शेयरिंग किसी और के लिए पहला कदम बने निवेश की दुनिया में

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