Stop Loss Meaning in Hindi | स्टॉपलॉस (Stop Loss) क्या है | Stop Loss कब लगाना चाहिए |शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस क्या होता है |स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है |Intraday Trading में Stop Loss| Stop Loss का मतलब और परिभाषा |Beginners के लिए Stop Loss Strategy |स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर और लिमिट ऑर्डर क्या है |Stop Loss लगाने में होने वाली सामान्य गलतियां
अगर आप
इसलिए हम सलाह देंगे कि इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें, ताकि आपको
Stop Loss Meaning in Hindi|Stop Loss क्या होता है?

स्टॉपलॉस दरअसल दो शब्दों से मिलकर बना है – स्टॉप यानी रोकना और लॉस यानी नुकसान। इसका सरल अर्थ (meaning) है ऐसे कदम उठाना जिससे ट्रेडिंग या निवेश के दौरान होने वाले बड़े नुकसान को रोका जा सके। यानी यह एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जो आपके पूंजी को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
स्टॉप लॉस ट्रेडिंग का एक ऐसा ऑर्डर है जो आपके नुकसान को सीमित करने में मदद करता है। इसका अर्थ है वह प्राइस लेवल जिस पर पहुँचते ही आपका शेयर अपने आप सेल (बेचा) हो जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने किसी स्टॉक को खरीदा है और वह लगातार नीचे गिर रहा है, तो स्टॉप लॉस लगाकर आप अपने बड़े नुकसान से बच सकते हैं। ट्रेडिंग के दौरान आपको तय करना चाहिए कि अधिकतम कितना नुकसान सह सकते हैं।आमतौर पर एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि स्टॉप लॉस को खरीदारी प्राइस से 1%–2% नीचे सेट किया जाए।
स्टॉप लॉस का उदाहरण समझें
मान लीजिए आपने किसी कंपनी का शेयर ₹500 में खरीदा और आपने स्टॉप लॉस ₹490 पर सेट किया। अब अगर कुछ समय बाद शेयर की कीमत ₹450 तक गिर भी जाती है, तो आपका नुकसान केवल ₹10 प्रति शेयर ही रहेगा, क्योंकि जैसे ही कीमत ₹490 पर पहुँची, स्टॉप लॉस ऑर्डर ट्रिगर होकर अपने आप शेयर बेच देगा।
यानी कि स्टॉप लॉस लगाने का असली फायदा यह है कि यह आपके अनलिमिटेड नुकसान को लिमिटेड कर देता है। आप पहले से ही एक सुरक्षित स्तर तय कर लेते हैं, जिससे पूँजी सुरक्षित रहती है। वहीं दूसरी तरफ, मुनाफे पर कोई सीमा नहीं होती — अगर शेयर की कीमत ऊपर जाती है तो आप उतना प्रॉफिट कमा सकते हैं जितना मार्केट आपको देता है।
इसलिए स्टॉप लॉस ऑर्डर हर उस ट्रेडर के लिए बेहद उपयोगी है जो रिस्क मैनेजमेंट और लंबी अवधि तक टिकाऊ ट्रेडिंग करना चाहता है।
📊 Stop Loss Example
👉 इसका मतलब है कि अगर शेयर ₹190 तक गिरता है, तो आपकी पोज़िशन अपने-आप बंद हो जाएगी और नुकसान सीमित रहेगा।Disclaimer:यह सामान्य जानकारी है, निवेश परामर्श नहीं। ट्रेड करने से पहले अपनी रिसर्च और risk tolerance जरूर देखें।
स्टॉप लॉस लगाना क्यों जरूरी है? Why Stoploss is important in Trading?
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय सबसे बड़ी चुनौती रिस्क मैनेजमेंट होती है। मार्केट की चाल बहुत तेज़ होती है—कभी अचानक शेयर का दाम ऊपर जाता है और कुछ ही मिनटों में नीचे भी आ सकता है। ऐसे हालात में जहाँ तेजी से प्रॉफिट कमाने का मौका मिलता है, वहीं बिना सोचे-समझे बैठे रहने पर भारी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
अक्सर देखा गया है कि जब किसी ट्रेड में मुनाफ़ा होने लगता है तो नए ट्रेडर्स जल्दी ही अपनी पोज़िशन बंद कर देते हैं। लेकिन जब लॉस शुरू होता है तो वे इस उम्मीद में इंतजार करते रहते हैं कि शायद मार्केट पलट जाएगा और उनका नुकसान कम हो जाएगा।
यही इंतज़ार कई बार महँगा साबित होता है। क्योंकि मार्केट हमेशा हमारी सोच के मुताबिक नहीं चलता और धीरे-धीरे छोटा नुकसान एक बड़े फाइनेंशियल लॉस में बदल सकता है। ऐसे में स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाना बेहद जरूरी हो जाता है, ताकि आप पहले से ही अपनी रिस्क लिमिट तय कर सकें और भारी नुकसान से बच सकें।
“अगर आप छोटे नुकसान को स्वीकार नहीं कर सकते,
तो एक दिन वही नुकसान आपको भारी कीमत चुकाने पर मजबूर कर देगा।”
स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे लगाते हैं (How to use Stoploss Order in hindi)
ध्यान देने वाली बात यह है कि स्टॉप लॉस ऑर्डर का इस्तेमाल तभी किया जा सकता है जब आपके पास पहले से कोई पोज़िशन (position) मौजूद हो। यह हर स्थिति में अलग-अलग तरीके से काम करता है।
👉 उदाहरण के लिए–
मान लीजिए आपने किसी कंपनी का स्टॉक ₹250 पर खरीदा है और नहीं चाहते कि आपको उस पर ₹5 से ज्यादा का नुकसान हो। ऐसे में आप Selling Stop Loss Order लगा सकते हैं, ताकि प्राइस ₹245 तक आते ही आपका शेयर अपने आप बेच दिया जाए।
इसी तरह, अगर आपने किसी शेयर को short sell किया है यानी पहले बेच दिया है, तो वहां Buying Stop Loss Order का उपयोग किया जाएगा। मान लीजिए आपने स्टॉक ₹400 पर शॉर्ट किया और चाहते हैं कि नुकसान ₹10 से ज्यादा न हो। इसके लिए आप ₹410 पर Buying Stop Loss लगा सकते हैं।
इस तरह स्टॉप लॉस ऑर्डर आपकी पोज़िशन को सुरक्षित रखता है और आपको अनलिमिटेड लॉस से बचने का मौका देता है।
Stop Loss Order और Normal Order में क्या फर्क है?
स्टॉक मार्केट में अक्सर नए निवेशकों के मन में यह सवाल आता है कि स्टॉप लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) और नॉर्मल ऑर्डर (Normal Order) में आखिर अंतर क्या होता है।
👉 Normal Order में आप सीधे किसी शेयर को खरीदने या बेचने का ऑर्डर लगाते हैं। जैसे – आप किसी कंपनी का शेयर ₹500 पर खरीदना चाहते हैं, तो आप या तो मार्केट ऑर्डर देंगे (जहां तुरंत मौजूदा प्राइस पर ट्रेड हो जाएगा) या लिमिट ऑर्डर देंगे (जहां आपका ऑर्डर सिर्फ ₹500 या उससे कम दाम पर ही execute होगा)।
लेकिन 👉 Stop Loss Order थोड़ा अलग तरीके से काम करता है। इसमें आपको सिर्फ प्राइस नहीं बताना होता, बल्कि एक ट्रिगर प्राइस (Trigger Price) भी सेट करनी पड़ती है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने ₹200 पर कोई शेयर खरीदा है और आपको डर है कि यह ₹190 से नीचे गया तो और गिर सकता है। ऐसे में आप ₹190 को ट्रिगर प्राइस और ₹189 को स्टॉप लॉस सेल ऑर्डर सेट कर देंगे।
➡️ अब जैसे ही शेयर ₹190 पर आएगा, आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्टिवेट होकर ₹189 पर मार्केट में चला जाएगा।
यानी,
- Normal Order सीधा execute हो जाता है।
- Stop Loss Order तभी एक्टिव होता है जब आपका दिया गया trigger point हिट हो जाए।
यह फर्क समझना बहुत जरूरी है क्योंकि स्टॉप लॉस आपको अनावश्यक बड़े नुकसान से बचाता है, जबकि नॉर्मल ऑर्डर सिर्फ आपकी entry या exit price पर फोकस करता है।
स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है?
Stop Loss Order को Market Order और Limit Order की तरह कैसे लगाते हैं? जब भी हम स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करते हैं, तो सबसे पहले हमें यह तय करना होता है कि हम इसे Market Order की तरह लगाना चाहते हैं या फिर Limit Order की तरह। दोनों में execution का तरीका अलग होता है।
1. Stop Loss Market Order (SL-M Order)
अगर आप अपना स्टॉप लॉस ऑर्डर मार्केट ऑर्डर की तरह लगाते हैं, तो इसमें आपको केवल एक Trigger Price डालनी होती है।
➡️ जैसे ही शेयर उस ट्रिगर प्राइस को हिट करेगा, आपका ऑर्डर तुरंत मार्केट में एक्टिवेट होकर उस समय की मौजूदा कीमत पर execute हो जाएगा।
👉 उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने ₹350 पर एक स्टॉक खरीदा है और आप नहीं चाहते कि यह ₹340 से नीचे जाए। ऐसे में आप ₹340 को ट्रिगर प्राइस सेट करके SL-M ऑर्डर लगाएंगे। अब अगर शेयर ₹340 पर आता है तो यह ऑर्डर अपने आप एक्टिव होकर मौजूदा मार्केट प्राइस पर शेयर बेच देगा।
2. Stop Loss Limit Order (SL-L Order)
अगर आप अपना स्टॉप लॉस लिमिट ऑर्डर की तरह लगाना चाहते हैं, तो आपको इसमें दो चीजें सेट करनी होंगी—
- Trigger Price
- Limit Price
➡️ जैसे ही आपका दिया गया ट्रिगर प्राइस हिट होता है, आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्टिव हो जाएगा। लेकिन execution केवल तभी होगा जब शेयर आपकी सेट की गई लिमिट प्राइस पर पहुंचेगा।
👉 उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने ₹500 पर कोई शेयर खरीदा और सोचा कि ₹480 से नीचे गिरा तो आप बाहर निकल जाएंगे। इसके लिए आप ₹480 को ट्रिगर प्राइस और ₹478 को लिमिट प्राइस रख सकते हैं। अब अगर शेयर ₹480 पर आता है तो SL-L ऑर्डर एक्टिव हो जाएगा, और जब तक ₹478 पर प्राइस नहीं मिलता, तब तक वह ऑर्डर execute नहीं होगा।
- SL-M Order: ट्रिगर हिट होते ही ऑर्डर मौजूदा मार्केट प्राइस पर तुरंत execute हो जाता है।
- SL-L Order: ट्रिगर हिट होने के बाद ऑर्डर तभी execute होगा जब Limit Price भी match हो जाए।
स्टॉप लॉस का उदाहरण (Example of Stoploss order in hindi)
आइए सबसे पहले समझते हैं कि Stoploss Market Order क्या होता है;
स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर क्या है उदाहरण सहित?[Stop Loss Meaning in Hindi]
मान लीजिए आपने किसी कंपनी का शेयर ₹250 के प्राइस पर खरीदा है और आप तय करते हैं कि इस पर आपका maximum loss सिर्फ ₹5 तक ही होना चाहिए।
इसका मतलब हुआ कि आप यह चाहते हैं कि अगर शेयर का दाम गिर भी जाए, तो ₹245 से नीचे आपको नुकसान ना उठाना पड़े।
अब क्योंकि आपने पहले से ही यह स्टॉक buy किया हुआ है, तो आपको एक Selling Stop Loss Order लगाना होगा। इसका तरीका कुछ इस प्रकार है—
- सबसे पहले अपने ब्रोकर ऐप में जाकर उस शेयर के Sell ऑप्शन पर क्लिक करें।
- फिर Order Type में Stop Loss Market (SL-M) सेलेक्ट करें। (अक्सर ब्रोकरेज ऐप्स में इसे SL-M लिखा होता है, दोनों का अर्थ एक ही है)।
- अब आपको एक ऑप्शन दिखाई देगा जहां Trigger Price डालना होगा।
- क्योंकि आपने तय किया है कि आप ₹250 पर खरीदे गए शेयर पर सिर्फ ₹5 का नुकसान उठाएंगे, तो यहाँ Trigger Price डालें — ₹245।
- जैसे ही यह प्राइस हिट होगा, आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर अपने-आप ट्रिगर होकर मार्केट में एक Sell Order भेज देगा।
👉 मान लीजिए प्राइस अचानक ₹220 तक गिर गया। लेकिन क्योंकि आपने ₹245 पर स्टॉप लॉस सेट किया था, तो आपका शेयर वहीं ₹245 पर ही सेल हो गया, और इस तरह आपको बड़े नुकसान (₹30 का) से बचाकर सिर्फ ₹5 का छोटा नुकसान ही हुआ।
इसीलिए कहा जाता है कि Stop Loss Trading में Risk Management का सबसे अहम टूल है। यह आपको अनलिमिटेड नुकसान से बचाते हुए, आपके risk को पहले से defined limit तक सीमित कर देता है।
ऊपर वाले उदाहरण से आपने Stoploss Market Order समझ लिया, अब आगे बढ़ते हैं और Stoploss Limit Order को जानते हैं–
स्टॉप लॉस लिमिट ऑर्डर क्या है उदाहरण सहित?[Stop Loss Meaning in Hindi]
ट्रेडिंग में Stoploss Limit Order लगाने की प्रक्रिया काफी हद तक Stoploss Market Order जैसी ही होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि यहाँ आपको Market Order चुनने की बजाय Limit Order सेलेक्ट करना होता है। बाकी की steps लगभग एक जैसी रहती हैं।
अब इसे एक उदाहरण से समझते हैं—
मान लीजिए आपने कोई स्टॉक ₹250 के प्राइस पर खरीदा है और आप चाहते हैं कि इस पर अधिकतम ₹5 से ज्यादा का नुकसान न हो। यानी आपकी loss सहन करने की लिमिट सिर्फ ₹5 है।
👉 क्योंकि आपने शेयर buy कर रखा है, इसलिए आपको selling stoploss order लगाना होगा।
- सबसे पहले अपने ब्रोकरेज ऐप में जाकर स्टॉक को Sell करने का ऑप्शन चुनें।
- इसके बाद Order Type में Stoploss Limit (SL) का चयन करें।
- अब आपके सामने दो ऑप्शन आएंगे—Trigger Price और Limit Price।
यहाँ मान लेते हैं कि आप चाहते हैं कि जब शेयर ₹250 से गिरकर ₹245 पर पहुँचे तो वह अपने आप sell हो जाए।
- इसलिए आप Limit Price = ₹245 सेट करेंगे।
- वहीं Trigger Price हमेशा buy प्राइस और limit प्राइस के बीच होना चाहिए ताकि order पहले activate हो और बाद में execute।
- इस केस में आप Trigger Price = ₹246 रख सकते हैं।
👉 अब जब शेयर की प्राइस ₹246 तक आएगी, तो आपका stoploss limit order activate हो जाएगा। उसके बाद जैसे ही यह ₹245 पर पहुँचेगा, आपका शेयर अपने आप sell हो जाएगा।
इस तरह आप एक predefined strategy के जरिए अपने नुकसान को नियंत्रित कर सकते हैं और बड़े loss से बच सकते हैं।
अब तक दिए गए उदाहरणों से आप समझ ही गए होंगे कि वास्तव में स्टॉपलॉस मार्केट ऑर्डर और स्टॉपलॉस लिमिट ऑर्डर को लगाने की प्रक्रिया कैसे काम करती है और इन्हें किस तरह उपयोग किया जाता है।
Beginners के लिए Stop Loss Strategy
शेयर मार्केट में नए लोग अक्सर सबसे बड़ी गलती यही करते हैं कि वे Stop Loss का इस्तेमाल नहीं करते और छोटे-से लॉस को भी बड़ा नुकसान बनने देते हैं। अगर आप एक Beginner Trader हैं तो आपके लिए स्टॉप लॉस एक सेफ्टी नेट की तरह काम करता है।
👉 शुरुआती स्तर पर आपको अपनी Stop Loss Strategy को सिंपल रखना चाहिए:
- हर ट्रेड पर पहले से तय कर लें कि आप कितना नुकसान सहन कर सकते हैं (आमतौर पर 1%–2% तक)।
- यदि आपने 200 रुपये का शेयर खरीदा है और आप केवल 4 रुपये का नुकसान झेलना चाहते हैं तो आपको Stop Loss 196 रुपये पर सेट कर देना चाहिए।
- ध्यान रखें कि Stop Loss केवल आपके Loss को कंट्रोल करता है, यह आपके Profit को सीमित नहीं करता।
💡 Beginners Tip: शुरुआत में हमेशा Stop Loss Market Order (SL-M) का इस्तेमाल करें, क्योंकि यह ज्यादा आसान और भरोसेमंद होता है। जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा, आप Stop Loss Limit Order का भी उपयोग करना सीख सकते हैं।
➡️ याद रखें, एक सही Stop Loss Strategy आपके पूंजी (capital) को बचाने के साथ-साथ आपको ट्रेडिंग में लंबे समय तक टिके रहने का मौका देती है।
Stop Loss के फायदे और नुकसान
ट्रेडिंग में Stop Loss को एक सुरक्षा कवच (safety shield) माना जाता है। यह हर ट्रेडर को यह सुविधा देता है कि वह अपने नुकसान को पहले से तय सीमा तक रोक सके। लेकिन, इसके कुछ फायदे हैं तो कुछ सीमाएँ भी।
✅ Stop Loss के फायदे:
- नुकसान को कंट्रोल करना – यह आपके capital protection के लिए सबसे ज़रूरी टूल है, जिससे छोटे लॉस को बड़ा होने से रोका जा सकता है।
- इमोशन्स पर कंट्रोल – कई बार ट्रेडर्स भावनाओं में आकर फैसला लेते हैं। स्टॉप लॉस लगाने से आप मार्केट के उतार–चढ़ाव में भी discipline बनाए रखते हैं।
- ऑटोमैटिक एक्ज़िक्यूशन – आपको लगातार स्क्रीन पर नजर रखने की जरूरत नहीं होती। प्राइस ट्रिगर होते ही ऑर्डर अपने आप एक्टिवेट हो जाता है।
- लॉन्ग-टर्म ट्रेडिंग हेल्प – स्टॉप लॉस की मदद से आप अपनी पूंजी बचाकर लंबे समय तक मार्केट में टिके रह सकते हैं।
❌ Stop Loss के नुकसान:
- जल्दी हिट होने का रिस्क – कभी-कभी market volatility की वजह से आपका स्टॉप लॉस जल्दी हिट हो सकता है और शेयर बाद में ऊपर चला जाता है।
- गलत प्लेसमेंट – अगर आप ट्रिगर प्राइस सही जगह पर सेट नहीं करते, तो यह आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग प्रेशर – शुरुआती ट्रेडर्स अक्सर बहुत छोटे मार्जिन पर स्टॉप लॉस सेट कर देते हैं जिससे बार-बार loss booking हो जाती है।
निष्कर्ष यह है कि Stop Loss हर ट्रेडर के लिए बेहद ज़रूरी है, लेकिन इसे सही जगह और सोच-समझकर लगाना ही असली trading strategy है।
Stop Loss लगाने में होने वाली सामान्य गलतियां
FAQ’s About Stop Loss in Hindi
Stop Loss क्या होता है?
Stop Loss एक predefined order होता है जो आपकी पोज़िशन को तय कीमत पर पहुंचते ही ऑटोमैटिकली बंद कर देता है, ताकि बड़ा नुकसान न हो।
ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है?
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर ऑर्डर डालते समय आप Trigger Price और Stop Loss Price सेट करते हैं। जब प्राइस Trigger Price को हिट करता है तो ऑर्डर activate होकर execute हो जाता है।
स्टॉप लॉस मार्केट प्राइस क्या है?
Stop Loss Market में Trigger Price हिट होते ही ऑर्डर मौजूदा मार्केट प्राइस पर तुरंत execute हो जाता है।
स्टॉप लॉस ऑर्डर का उदाहरण बताइए?
मान लीजिए आपने किसी शेयर को ₹200 पर खरीदा और अधिकतम ₹10 का नुकसान लेना चाहते हैं। तो आप Stop Loss Order ₹190 पर लगा सकते हैं।
स्टॉप लिमिट कैसे काम करती है?
Stop Limit में Trigger Price हिट होने पर ऑर्डर activate होता है, लेकिन यह केवल आपकी तय Limit Price या उससे बेहतर प्राइस पर ही execute होगा।
क्या स्टॉप लॉस हमेशा काम करता है?
अधिकतर मामलों में हां, लेकिन gap up/gap down जैसी अचानक मूवमेंट में Stop Loss आपके सेट प्राइस पर नहीं बल्कि अगले उपलब्ध भाव पर execute हो सकता है।
क्या मुझे हमेशा स्टॉप लॉस का उपयोग करना चाहिए?
हां, खासकर beginners और intraday traders के लिए Stop Loss लगाना जरूरी है ताकि बड़े नुकसान से बचा जा सके।
मेरा स्टॉप लॉस हमेशा हिट क्यों होता है?
अगर आपका Stop Loss बार-बार हिट हो रहा है तो संभव है कि आपने बहुत छोटा Stop Loss सेट किया हो या Support-Resistance levels को सही से नहीं पहचाना हो।
मेरा स्टॉप लॉस ट्रिगर क्यों नहीं होता?
Stop Loss तभी ट्रिगर होता है जब प्राइस आपके सेट Trigger Price तक पहुंचे। अगर प्राइस उस स्तर को छूता ही नहीं है तो ऑर्डर activate नहीं होगा।
ट्रिगर प्राइस और स्टॉप लॉस में क्या अंतर है?
Trigger Price वह स्तर है जहां से Stop Loss activate होता है, जबकि Stop Loss Price वह भाव है जिस पर ऑर्डर execute होता है।
स्टॉप लॉस और टारगेट में क्या अंतर है?
Stop Loss नुकसान को सीमित करने के लिए लगाया जाता है जबकि Target प्रॉफिट बुक करने के लिए सेट किया जाता है।
स्टॉप लॉस और टारगेट कैसे सेट करें?
हमेशा Risk-Reward Ratio देखकर Stop Loss और Target सेट करें। उदाहरण: ₹10 Stop Loss पर कम से कम ₹20 का Target रखें।
सबसे अच्छा स्टॉप लॉस प्रतिशत क्या है?
आमतौर पर 2% से 5% तक का Stop Loss सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यह आपके ट्रेडिंग स्टाइल और मार्केट स्थिति पर निर्भर करता है।
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🔚 निष्कर्ष: Stop Loss in Trading
इस आर्टिकल में आपने जाना कि स्टॉप लॉस (Stop Loss) क्या होता है, Stop Loss Meaning in Hindi, इसे लगाना क्यों हर ट्रेडर के लिए ज़रूरी है और Stop Loss Order लगाने का सही तरीका क्या है।
अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं या पहले से ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो स्टॉप लॉस का सही उपयोग आपको अनावश्यक बड़े नुकसान से बचा सकता है और आपकी ट्रेडिंग को disciplined बना सकता है।
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