What is Intrinsic value meaning in hindi | Intrinsic value kya hai | Intrinsic value kaise nikale | How to find Intrinsic value of a stock in hindi |Intrinsic value कैसे निकाले हिंदी में | Benjamin Graham formula in Hindi |DCF method से intrinsic value कैसे निकालें | Value investing में intrinsic value कैसे काम करता है |Intrinsic value vs CMP
Intrinsic Value का मतलब होता है किसी शेयर या संपत्ति की वह वास्तविक कीमत जो उसके फंडामेंटल्स जैसे कमाई (Earnings), ग्रोथ (Growth), डिविडेंड्स और जोखिम (Risk) को ध्यान में रखकर तय की जाती है। यह मूल्य मार्केट में दिख रही कीमत (Market Price) से अलग हो सकता है। यदि किसी स्टॉक की Intrinsic Value मार्केट प्राइस से ज्यादा है, तो वह स्टॉक Undervalued माना जाता है — यानी खरीदने लायक हो सकता है।
शेयर मार्केट में जब मैंने शुरुआत की थी, तब एक बात बार-बार सुनने को मिलती थी — “शेयर तभी खरीदो जब वो अपनी असली यानी Intrinsic Value से नीचे ट्रेड कर रहा हो।” ये सुनकर लगा कि शायद यही कोई जादू का फॉर्मूला है मुनाफा कमाने का।
लेकिन जैसे-जैसे कुछ अच्छे स्टॉक्स को फॉलो करना शुरू किया, तो देखा कि कई बड़ी कंपनियों के शेयर कभी अपनी उस Intrinsic Value तक आते ही नहीं — उल्टा साल दर साल उनका प्राइस बढ़ता ही चला जाता है। अब ऐसे में कन्फ्यूजन ये होता है कि क्या उन स्टॉक्स को छोड़ देना चाहिए सिर्फ इसलिए क्योंकि वो अभी “महंगे” दिख रहे हैं?
असल सवाल ये नहीं कि वैल्यू से ऊपर है या नीचे — बल्कि ये है कि क्या वो स्टॉक उस प्राइस पर भी अच्छा रिटर्न दे सकता है? यही समझना असली खेल है।
आज इस लेख में हम एक बेहद ज़रूरी सवाल को समझने की कोशिश करेंगे — आख़िर किसी शेयर की Intrinsic Value होती क्या है, और कोई इन्वेस्टर कैसे जान सकता है कि वो स्टॉक सच में “सस्ता” है या बस ऐसा दिख रहा है?
हम आपको सरल भाषा में बताएंगे कि “Intrinsic Value क्या है? स्टॉक का असली मूल्य कैसे निकालें – फॉर्मूला, उदाहरण और पूरी जानकारी (2025)“, और इसे समझना निवेश के फैसलों में इतना जरूरी क्यों है।
Intrinsic value kya hai? Intrinsic Value in Hindi
शेयर की Intrinsic Value क्या होती है? (आंतरिक मूल्य की समझ आसान भाषा में) : जब हम किसी शेयर की Intrinsic Value (आंतरिक मूल्य) की बात करते हैं, तो इसका मतलब होता है उस शेयर की असल या वास्तविक कीमत — यानी वह मूल्य जो कंपनी की फंडामेंटल स्थिति जैसे कमाई, ग्रोथ, रिस्क और बिज़नेस मॉडल को ध्यान में रखकर तय किया जाता है।
इसे हम अलग-अलग नामों से भी जानते हैं, जैसे: Fair Value (सही मूल्य), Actual Value (असल कीमत), Real Worth (वास्तविक कीमत) आदि।
इसको जरूर चेक करे-
- शेयर खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? ―ये 17 चीज़े जरूर चेक करें…
Intrinsic Value of Share Meaning in hindi

आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) को समझना आसान है – आंतरिक मूल्य यानी Intrinsic Value को आप एक सिंपल उदाहरण से समझ सकते हैं — मान लीजिए आप किसी दुकान पर कोई चीज़ खरीदने जाते हैं, जिसकी असली कीमत ₹100 है, लेकिन वह अभी ऑफर में ₹70 में मिल रही है। यही ऑफर प्राइस ही असल में उस चीज़ की Intrinsic Value से कम मानी जाती है।
बिलकुल ऐसे ही शेयर मार्केट में भी किसी शेयर की Intrinsic Value यानी “आंतरिक मूल्य” का मतलब होता है — उस शेयर की वास्तविक कीमत, ना कि जो आज मार्केट में दिख रही है।
✅ Intrinsic Value क्या होती है?
Intrinsic Value का मतलब है किसी शेयर की असली कीमत या Fair Value — जो उसकी कमाई (earnings), ग्रोथ (growth), फ्यूचर पोटेंशियल और बिज़नेस की क्वालिटी के आधार पर तय की जाती है, न कि केवल उसकी मौजूदा मार्केट प्राइस से।
✅ क्या Intrinsic Value और Market Price अलग हो सकती हैं?
हाँ, बिल्कुल। किसी भी स्टॉक की Intrinsic Value उसकी मार्केट वैल्यू से या तो कम होती है या ज्यादा। जब कोई स्टॉक अपनी असली वैल्यू से सस्ता मिल रहा होता है, तब उसे खरीदने का मौका होता है।
✅ Warren Buffett का नजरिया:
दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक Warren Buffett भी Intrinsic Value को ही निवेश का आधार मानते हैं। वे हमेशा ऐसे स्टॉक्स में निवेश करते हैं जो उनकी आंतरिक वैल्यू से कम दाम पर मिल रहे हों — और यही है Value Investing का मूल मंत्र।
🎯 “Price is what you pay. Value is what you get.” — Warren Buffett
यदि आप एक स्मार्ट इन्वेस्टर बनना चाहते हैं, तो किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसकी Intrinsic Value का एनालिसिस जरूर करें — तभी आप सही समय पर सही निर्णय ले पाएंगे।
आपको जानकर हैरानी होगी कि Warren Buffett ने खुद Intrinsic Value के लिए एक खास फार्मूला भी दिया है। हाँ, माना जाता है कि वो फार्मूला थोड़ा टेक्निकल है और पहली नज़र में थोड़ा मुश्किल लग सकता है। लेकिन घबराइए नहीं — आज हम उसी Intrinsic Value के कॉन्सेप्ट को बिलकुल आसान, रोज़मर्रा की हिंदी में समझने वाले हैं, ताकि आप खुद भी किसी शेयर की असल कीमत पहचान सकें और सही फैसला ले सकें।
Intrinsic Value जानकर समझदारी से Stock कैसे चुनें और सही दाम पर खरीदें?
अगर आप कंफ्यूज़ हैं कि कौन सा स्टॉक खरीदना सही रहेगा या किस शेयर में इन्वेस्ट करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है — तो सबसे पहले आपको स्टॉक की इंट्रिन्सिक वैल्यू (Intrinsic Value of a Stock in Hindi) को समझना बेहद ज़रूरी है।
क्योंकि जब तक आप किसी शेयर की असल कीमत नहीं पहचान पाएंगे, तब तक सही निवेश फैसला लेना मुश्किल हो सकता है।
✅ क्यों ज़रूरी है Intrinsic Value जानना? Why intrinsic value is important in hindi: क्योंकि यही बताती है कि कोई शेयर वाकई में खरीदने लायक है या सिर्फ मार्केट की हवा में उड़ा हुआ नाम।
Intrinsic Value को समझने के लिए एक आसान उदाहरण:
सोचिए आप एक नया स्मार्टफोन खरीदने का सोच रहे हैं। आपने एक ब्रांड का फोन पसंद किया जिसकी असली कीमत (MRP) ₹20,000 है।
लेकिन एक ऑनलाइन साइट पर वो फोन आपको ₹15,000 में मिल रहा है, और दूसरी साइट पर वही फोन ₹22,000 में।
अब ज़रा सोचिए — जो लोग बिना जांचे ₹22,000 में खरीद लेंगे, वो ओवरप्राइस पे कर रहे हैं।
लेकिन जिसने उस फोन की असल कीमत (Intrinsic Value) को समझा और ₹15,000 में खरीदा, वो स्मार्ट बायर है।
👉 यही बात शेयर बाजार पर भी लागू होती है।
अगर आप किसी स्टॉक की इंट्रिन्सिक वैल्यू (Intrinsic Value of a Stock in Hindi) को जाने बिना उसे सिर्फ मार्केट प्राइस देखकर खरीदते हैं — तो आप भी उस फोन को महंगे में खरीदने वाले ग्राहक जैसे बन सकते हैं।
लेकिन अगर आप स्टॉक की असली कीमत का आंकलन करते हैं और उसे उसकी Fair Value या Real Value पर खरीदते हैं, तो आप लॉन्ग टर्म में फायदे में रहेंगे।
👉 और अगर आप समझना चाहते हैं कि अपने इन्वेस्टमेंट को कैसे बेहतर तरीके से मैनेज करें, तो पहले ये जानना ज़रूरी है कि पोर्टफोलियो क्या होता है — क्योंकि एक मजबूत पोर्टफोलियो वही होता है जिसमें सही वैल्यू पर चुने गए स्टॉक्स शामिल हों।
📱 स्मार्टफोन वाला उदाहरण:
🔍 स्थिति | 🤔 समझाइए क्या हो रहा है | 🧠 सीख क्या मिली? |
---|---|---|
फोन की असली कीमत ₹20,000 | बाजार में कई कीमतें चल रही हैं | हर चीज़ की एक Fair Value होती है |
साइट A पर वही फोन ₹15,000 में | आपको छूट मिल रही है यानी सस्ता मिल रहा है | Intrinsic Value से कम कीमत = अच्छा सौदा |
साइट B पर वही फोन ₹22,000 में | ओवरप्राइस है, लेकिन आप बिना सोचें खरीद लेते हैं | बिना जांचे खरीदी = नुकसान की संभावना |
आपने A से ₹15,000 में खरीदा | समझदारी दिखाई, Fair Value पर लिया | लॉस से बचे, वैल्यू इन्वेस्टर बनें |
📈 अब शेयर मार्केट में भी यही लॉजिक
शेयर की Intrinsic Value | मार्केट प्राइस क्या है? | क्या करना चाहिए? |
---|---|---|
₹120 | ₹95 | सस्ता मिल रहा है – खरीदने लायक है |
₹120 | ₹140 | ओवरप्राइस है – सोच समझकर फैसला लें |
✅ Intrinsic Value समझने की Bullet Checklist
- क्या आपने उस स्टॉक की असली कीमत (Fair Value) का पता लगाया है?
- क्या स्टॉक की मार्केट प्राइस उसकी Intrinsic Value से कम है?
- क्या आपने कंपनी के फंडामेंटल्स देखे हैं (Revenue, Profit, Growth)?
- क्या आपने P/E Ratio, P/B Ratio या DCF जैसे टूल्स इस्तेमाल किए?
- क्या आपने कंपनी के बिज़नेस मॉडल और सेक्टर ट्रेंड को समझा है?
- क्या शेयर Overhyped है?
- क्या Warren Buffett की तरह Value Investing की सोच रखी है?
जानिए:
- कौन से शेयर में निवेश करें? (5 बेस्ट स्टॉक्स)
- किस कंपनी का शेयर खरीदना चाहिए (5 तरीके से पता करें)
Current price is more than the intrinsic value meaning in hindi
📈 “Current Price is More Than the Intrinsic Value” का मतलब क्या होता है? मान लीजिए आप किसी स्टॉक की रिसर्च कर रहे हैं — चाहे वो Moneycontrol, Screener, या किसी स्टॉक ब्रोकिंग ऐप जैसे Zerodha, Upstox पर हो — तो आपने कभी न कभी ये लाइन जरूर देखी होगी:
“Current Price is more than the Intrinsic Value”
अब सवाल आता है कि इसका मतलब क्या है?
🔍 इसका सरल अर्थ:
इसका सीधा मतलब यह है कि उस शेयर की जो आज की मार्केट कीमत (Current Price) है, वह उसकी असल कीमत (Intrinsic Value) से ज्यादा है। यानी वो स्टॉक ओवरप्राइस्ड है और इस समय उसे खरीदना एक समझदारी का फैसला नहीं हो सकता।
एक सिंपल और नया उदाहरण: मान लीजिए एक नॉर्मल AC की असली कीमत ₹30,000 है। लेकिन गर्मियों में डिमांड के कारण दुकानदार उसे ₹40,000 में बेच रहा है। अब अगर आप बिना सोचे ₹40,000 में खरीद लेते हैं, तो आप ज़रूरत से ज्यादा कीमत चुका रहे हैं — जबकि उसकी Fair Value अभी भी ₹30,000 ही है।
👉 ठीक यही शेयर मार्केट में होता है — जब कोई शेयर अपनी Intrinsic Value से ऊपर बिक रहा होता है, तो उसे खरीदना “महंगे में खरीदने” जैसा होता है।
अच्छे शेयर का चुनाव कैसे करें? (7 बेहतरीन तरीके)
Intrinsic value VS Market value in Hindi
शेयर बाजार में एक आम गलतफहमी है — जो प्राइस गूगल पर दिख रहा है, वही उस शेयर की असली कीमत (Value) भी है। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है।
✅ Price vs. Value — फर्क समझना जरूरी है

जब आप HDFC का प्राइस Google पर सर्च करते हैं और वहां ₹2001.50 दिखाई देता है, तो यह केवल Current Market Price (CMP) है — यानी अभी लोग किस भाव पर TCS का शेयर खरीद-बेच रहे हैं।
लेकिन सवाल ये है:
क्या वाकई HDFC की “असल वैल्यू” भी ₹2001.50 ही है?
👉 ठीक वैसे ही जैसे सब्जी खरीदते वक्त आप हर दुकान की कीमत की तुलना करते हैं और सोचते हैं कहाँ सस्ता मिल रहा है — शेयर मार्केट में भी वैसी समझदारी दिखाना जरूरी है। फर्क सिर्फ इतना है कि शेयरों की कीमत bargain से नहीं घटती — लेकिन उसकी सही वैल्यू (Intrinsic Value) का अंदाज़ा लगाकर आप समझ सकते हैं कि कौन-सा शेयर सस्ता मिल रहा है (Undervalued) और कौन महंगा (Overvalued)।
तो क्या ₹500 वाला शेयर सस्ता है? सही सवाल ये है…
शेयर मार्केट में यह समझना बहुत जरूरी है कि सस्ता शेयर वो नहीं जिसकी कीमत कम हो, बल्कि वो होता है जिसकी असल वैल्यू उसकी कीमत से कहीं ज्यादा हो।
उदाहरण के लिए, ₹500 का शेयर भी महंगा हो सकता है अगर उसकी वास्तविक वैल्यू ₹300 हो, और ₹5000 का शेयर सस्ता हो सकता है अगर उसकी Intrinsic Value ₹7000
🔎 हर शेयर खरीदने से पहले खुद से ये सवाल पूछें:
- क्या मैं उस शेयर की Fair Value जानता हूँ?
- क्या कंपनी के Fundamentals मजबूत हैं?
- क्या मैं किसी की टिप पर नहीं, अपनी समझ से निवेश कर रहा हूँ?
🎯 Investment vs Gambling: फर्क बहुत बड़ा है
बहुत से लोग शेयर बाजार को सट्टा समझ बैठते हैं — खासकर तब जब वे बिना रिसर्च, केवल दूसरों के कहने पर पैसा लगाते हैं।
🤔 याद रखिए: जानकारी के साथ किया गया निवेश ही असली Investment है। बाकी सब Gambling कहलाता है।
📘 अब असली सवाल: किसी शेयर की Intrinsic Value पता कैसे करें?
अब जब आपने समझ लिया कि Market Price ≠ Real Value, अगला कदम है — किसी भी शेयर की Intrinsic Value का सही-सही आकलन कैसे करें?
💡 घबराइए नहीं! हम आपको आसान भाषा और practical examples के ज़रिए बताएंगे:
- Intrinsic Value निकालने के आसान तरीके
- कौन-कौन से टूल्स और फॉर्मूले काम आते हैं
- कैसे पहचानें कि स्टॉक “सही दाम” पर मिल रहा है या नहीं
Investment vs Gambling: Thin Line, Big Difference
बहुत से लोग शेयर बाजार को सट्टा समझ लेते हैं — वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वो बिना रिसर्च के, दूसरों के कहने पर पैसा लगा देते हैं।
🤔 याद रखिए:
शेयर बाजार में समझदारी से पैसा लगाना “Investment” है, और बिना जानकारी के पैसा लगाना “Gambling”।
आप अपने खून-पसीने की कमाई लगा रहे हैं — तो क्यों न पहले खुद सीखें, फिर निवेश करें?
तो कैसे तय करें किसी शेयर की Intrinsic Value? अब जब आपको ये बात समझ आ चुकी है कि Market Price ≠ Real Value, तो अगला कदम है —किसी भी स्टॉक की Intrinsic Value (आंतरिक मूल्य) का सही-सही अंदाजा कैसे लगाएं?
💡 घबराइए नहीं, हम आपको बिल्कुल आसान भाषा और practical examples के ज़रिए बताएंगे कि:
- Intrinsic Value कैसे निकाली जाती है?
- कौन-कौन से Tools और Methods काम आते हैं?
- और किन संकेतों से आप जान सकते हैं कि कोई स्टॉक “सही दाम” पर मिल रहा है या नहीं।
शेयर की इंट्रिन्सिक वैल्यू कैसे कैलकुलेट करें? How to calculate intrinsic value of a stock in hindi
Intrinsic Value कैसे निकालें? (आसान भाषा में समझें) : जब आप किसी स्टॉक को खरीदने की सोचते हैं, तो सबसे पहला सवाल आता है:
“क्या मैं इस शेयर के बदले सही कीमत चुका रहा हूं या ज्यादा?”
इसका जवाब सिर्फ तभी मिलेगा जब आप उस शेयर की Intrinsic Value (आंतरिक मूल्य) का अंदाज़ा लगाना सीख जाएं।
🤔 चलिए इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए, आपके शहर में एक छोटी सी लेकिन अच्छी तरह चल रही पुस्तक छपाई (Book Printing) की फैक्ट्री है। उसका मालिक अब रिटायर होना चाहता है और फैक्ट्री बेच रहा है।
आपको यह बिज़नेस पसंद आ गया, क्योंकि आपने देखा है कि इस प्रिंटिंग यूनिट से हर साल लगभग ₹10 लाख की कमाई होती है। अब आप सोचते हैं कि “अगर मैंने इसे खरीद लिया, तो मुझे आने वाले सालों में नियमित कमाई होगी।”
लेकिन अब बड़ा सवाल:
➤ इस फैक्ट्री के लिए आप कितनी कीमत चुकाएँगे?
मान लीजिए, मालिक ₹1 करोड़ मांग रहा है। लेकिन क्या ये सही दाम है?
इसका जवाब आप Intrinsic Value निकालकर दे सकते हैं।
Discount Cash Flow Method (DCF) से इंटरिंसिक वैल्यू कैसे निकाले?
एक बुक प्रिंटिंग फैक्ट्री है, जो कई सालों से अच्छी कमाई कर रही है। उसका मालिक अब रिटायर होना चाहता है और वह यह फैक्ट्री बेचना चाहता है।
आपको इस बिजनेस में भविष्य नजर आता है — आपने देखा है कि यह यूनिट हर साल करीब ₹10 लाख का प्रॉफिट कमा रही है। अब आप सोच रहे हैं कि अगर मैंने ये फैक्ट्री खरीद ली, तो अगले कई सालों तक इससे अच्छी कमाई हो सकती है।
लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है:
🧠 “मैं इस फैक्ट्री को कितने में खरीदूं कि मेरा रिटर्न भी अच्छा रहे और कीमत भी वाजिब हो?”
🧾 Step 1: सबसे पहले माँगिए फैक्ट्री के Financials
आप मालिक से उसके पिछले 5–10 साल का प्रॉफिट, कंपनी की बैलेंस शीट, कुल Assets, और यह भी जानना चाहेंगे कि उस पर कोई बकाया लोन है या नहीं।
आपने जब सारे डॉक्युमेंट्स चेक किए तो यह पता चलता है:
- फैक्ट्री पर कोई लोन नहीं है
- पिछले 5 साल से यह हर साल ₹10 लाख का शुद्ध लाभ कमा रही है
🧮 Step 2: अब निकालिए उसकी Intrinsic Value एक आसान फॉर्मूले से
आप सोचते हैं कि अगर मैं यह फैक्ट्री खरीदता हूं तो मुझे कम से कम 15% का सालाना रिटर्न तो चाहिए ही।
अब यहां हम उपयोग करेंगे एक सिंपल फार्मूला:
📌 Intrinsic Value = Yearly Income ÷ Expected Return
Yearly Income = ₹10,00,000
Expected Return = 15% या 0.15
तो,
Intrinsic Value = 10,00,000 / 0.15 = ₹66,66,666
🤝 Step 3: अब खरीदने का निर्णय लीजिए समझदारी से
अब आप मालिक से बात करते हैं और वो कहता है:
“मुझे ₹70 लाख चाहिए…”
अब आप सोचते हैं: “चलो, 4 लाख ज़्यादा है, लेकिन फिर भी रिटर्न करीब 14% आ जाएगा — इतना भी बुरा नहीं।”
तो आप नेगोशिएट करके ₹70 लाख में फैक्ट्री खरीद लेते हैं।
पर सोचिए अगर वह मालिक इस फैक्ट्री की कीमत ₹1 करोड़ मांगता — तब क्या आप खरीदते?
बिलकुल नहीं। क्योंकि अब रिटर्न सिर्फ 10% से भी नीचे आ जाएगा — यानी फैक्ट्री की कीमत Intrinsic Value से काफी ज्यादा हो जाएगी।
🧠 यही लॉजिक शेयरों पर भी लागू होता है:
अगर आप किसी शेयर की असली वैल्यू जानते हैं, तो आप उसे महंगे दाम पर खरीदने से बच सकते हैं — और इसीलिए Intrinsic Value जानना एक समझदार निवेशक की सबसे बड़ी ताकत होती है।
📉 ये जो तरीका आपने सीखा है, उसे कहते हैं:
🔹 Discounted Cash Flow Method (DCF Method)
आप भविष्य की अनुमानित कमाई को डिस्काउंट करके उसकी आज की वैल्यू निकालते हैं — और वही होती है Intrinsic Value.
आप चाहें तो इसके लिए ये Tools भी इस्तेमाल कर सकते हैं:
- Intrinsic Value Calculator by Benjamin Graham
- Mobile Apps (Play Store पर सर्च करें: “Intrinsic Value Calculator”)
Intrinsic value कैलकुलेट करने का फार्मूला | Intrinsic value Formula in hindi

Intrinsic-value-Formula-in-hindi
आप सोचते हैं कि अगर मैं यह फैक्ट्री खरीदता हूं तो मुझे कम से कम 15% का सालाना रिटर्न तो चाहिए ही।
अब यहां हम उपयोग करेंगे एक सिंपल फार्मूला:
📌 Intrinsic Value = Yearly Income ÷ Expected Return
Yearly Income = ₹10,00,000
Expected Return = 15% या 0.15
तो,
Intrinsic Value = 10,00,000 / 0.15 = ₹66,66,666
इसे कैलकुलेट करने के लिए आप intrinsic value calculator by Benjamin Graham का उपयोग भी कर सकते हैं और इसके अलावा आप play store से intrinsic value calculator app को भी डाउनलोड भी कर सकते हैं.

अगर आप शेयर बाजार को सही मायनों में समझना चाहते हैं, तो हमारे ब्लॉग के अन्य लेख भी जरूर पढ़ें। हम समय-समय पर ThetaOptionTrading.com and YouTube Channel पर ऐसे विषयों पर जानकारी साझा करते हैं जो आपको स्टॉक्स की गहराई, मार्केट के व्यवहार और इन्वेस्टमेंट से जुड़ी सोच को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे।”
FAQs on What is Intrinsic value meaning in Hindi
Intrinsic Value का मतलब क्या होता है?
Intrinsic Value का अर्थ होता है किसी शेयर या एसेट की असली वैल्यू — जो कंपनी की कमाई, भविष्य की ग्रोथ और रिस्क को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है। यह मार्केट प्राइस से ज्यादा या कम हो सकती है।
Intrinsic Value और Market Price में क्या फर्क है?
Market Price वह है जिस दाम पर शेयर बाजार में अभी ट्रेड हो रहा है, जबकि Intrinsic Value वह मूल्य है जो होना चाहिए। यदि मार्केट प्राइस उससे कम है, तो शेयर सस्ता है। यदि अधिक है, तो वह महंगा समझा जाता है।
Intrinsic Value कैसे निकाली जाती है?
सबसे लोकप्रिय तरीका है Discounted Cash Flow (DCF) Method — जिसमें कंपनी के भविष्य के अनुमानित कैश फ्लो को एक निश्चित डिस्काउंट रेट से घटाकर उसकी आज की वैल्यू निकाली जाती है।
क्या सिर्फ Intrinsic Value देखकर शेयर खरीदना चाहिए?
नहीं। Intrinsic Value एक मजबूत आधार जरूर है, लेकिन शेयर खरीदने से पहले आपको कंपनी की मैनेजमेंट, डेब्ट, इंडस्ट्री ट्रेंड और ग्रोथ पोटेंशियल भी देखना जरूरी है।
हर किसी के लिए Intrinsic Value एक जैसी क्यों नहीं होती?
क्योंकि हर निवेशक की Expected Return Rate अलग होती है। किसी को 10% चाहिए, किसी को 15% — इसलिए Intrinsic Value व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है।
क्या Intrinsic Value निकालना मुश्किल है?
शुरुआत में थोड़ा जटिल लग सकता है, लेकिन एक बार DCF या अन्य विधि समझ में आ जाए, तो किसी भी स्टॉक की Intrinsic Value निकालना आसान हो जाता है।
क्या यह सिर्फ शेयरों पर लागू होती है?
नहीं, Intrinsic Value किसी भी निवेश वस्तु पर लागू होती है — जैसे रियल एस्टेट, बिजनेस, गोल्ड, या कोई प्रोजेक्ट। इसका मकसद होता है किसी चीज़ की असली कीमत समझना।
🔍Conclusion- Intrinsic Value क्या है : अब आपने क्या सीखा?
अब आप जान चुके हैं कि Intrinsic Value क्या होती है, इसे कैसे कैल्क्युलेट किया जाता है, और इसका फार्मूला निवेश के फैसलों में कैसे मदद करता है।
अगर आप चाहते हैं कि आप भी सही समय पर अच्छे स्टॉक्स को पहचान सकें, तो ऐसी जानकारी आपके लिए अमूल्य साबित होगी।
🙌 अगर यह जानकारी आपके काम आई हो, तो इसे शेयर करें और अपने विचार या सवाल नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।
आपके हर सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश की जाएगी — क्योंकि आप हमारे लिए मायने रखते हैं। 💬