इस ब्लॉग में आप पढ़ेंगे शेयर मार्केट में नुकसान कब और क्यों होता है, शेयर बाजार में नुकसान कैसे होता है, शेयर बाजार में नुकसान से कैसे बचें, Share market me nuksan se kaise bache.
बहुत लोग शेयर मार्केट में बिना कुछ जाने ही किसी के कहने पर निवेश कर देते हैं, वो लोग ये नहीं जानते कि शेयर मार्केट में नुकसान क्यों और कैसे होता है? क्या आप भी बिना सोचे-समझे शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं? तो निश्चित ही ये गलती आपके पूरे सपनों को बर्बाद कर सकती है!
जैसा की हमने ऊपर कहा कि बहुत से लोग शेयर मार्केट की बुनियादी जानकारी के बिना ही, सिर्फ दूसरों के कहने पर पैसे इन्वेस्ट कर देते हैं। किसी ने बता दिया — “इस स्टॉक का प्राइस बढ़ रहा है!” — और आप बिना रिसर्च किए, बस प्राइस चार्ट को देखकर और 52 वीक High-Low देख कर उस शेयर को खरीद लेते हैं। लेकिन जैसे ही मार्केट गिरता है, पूरा इन्वेस्ट किया हुआ पैसा डूब जाता है।
असल में लोगों को शेयर बाजार में नुकसान क्यों होता है? वजह सीधी है:
✔ शेयर मार्केट के बेसिक रूल्स की जानकारी ना होना।
✔ कंपनी पर रिसर्च किए बिना इन्वेस्ट कर देना।
✔ कंपनी का बिजनेस मॉडल न समझना।
✔ सिर्फ शेयर का प्राइस देखकर पैसा लगाना।
✔ ‘सस्ते शेयर’ के लालच में फंस जाना।
✔ दूसरों की दी हुई टिप्स पर आंख बंद कर इन्वेस्ट करना।
✔ धैर्य की कमी — ’10 दिन में पैसा डबल’ जैसी सोच रखना।
इतना ही नहीं, कई लोग स्टॉक खरीद तो लेते हैं, लेकिन बेच नहीं पाते। क्योंकि उस स्टॉक में ‘अपर सर्किट’ या ‘लोअर सर्किट’ लग जाता है,और आश्चर्य की बात ये है कि बहुत से लोगों को सर्किट का मतलब तक नहीं पता होता, फिर भी वो शेयर बाजार में कूद पड़ते हैं। तो अगर आप भी लोगों की तरह पैसा कमाना चाहते हैं तो पहले आप ये समझ ले कि आखिर शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता है? वो लोग ऐसी कौन सी गलतियां कर देते हैं जिनकी वजह से उन्हें शेयर बाजार में नुकसान होता है।
अब आपके मन में सवाल उठना चाहिए —
- शेयर बाजार में सही तरीके से निवेश कैसे करें?
- अपर सर्किट और लोअर सर्किट क्या होता है?
- बिना नुकसान के शेयर बाजार में पैसा कैसे बढ़ाएं?
अगर आप भी यही सोच रहे हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए है।
आगे हम आपको शेयर बाजार की वो असली सच्चाई बताएंगे जो हर नए इन्वेस्टर को पता होनी चाहिए।
शेयर बाजार में नुकसान क्यों होता है? आप भी करते हैं ये गलतियाँ?

शेयर बाजार कोई जादू की दुनिया नहीं है जहाँ एक रात में करोड़पति बना जा सके। यहाँ अगर सही जानकारी और समझ के साथ इन्वेस्ट न किया जाए, तो पैसा डूबना तय है। अधिकतर नए निवेशक बिना किसी रिसर्च और समझदारी के, सिर्फ दूसरों की सलाह पर शेयर खरीदते-बेचते हैं। ऐसा सोचते हैं कि “यार सब कमा रहे हैं, मैं क्यों पीछे रहूं?” और बिना सोचे-समझे स्टॉक्स में पैसे झोंक देते हैं। नतीजा — जब मार्केट गिरता है, तो पूरा इन्वेस्टमेंट पानी में चला जाता है।
असल में, लोग यही सोचते हैं कि “शेयर का प्राइस बढ़ रहा है, जल्दी खरीद लो!” या फिर किसी दोस्त, रिश्तेदार या सोशल मीडिया के टिप्स पर भरोसा कर पैसे इन्वेस्ट कर बैठते हैं। नतीजा — शेयर गिरते ही भारी नुकसान! तो आखिर सवाल उठता है — लोग शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा नुकसान किन वजहों से उठाते हैं? अगर आप शेयर मार्केट में Loss से बचना चाहते हैं तो सबसे पहला कदम है — सीखना।
अगर आप शेयर बाजार में लॉस से बचना चाहते हैं, तो सबसे पहले मार्केट को समझना ज़रूरी है। मार्केट की सही जानकारी लें, कंपनियों की फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस करें और समझदारी से निवेश करें। तभी आप लॉन्ग टर्म में मुनाफा कमा पाएंगे।
आइए, जानते हैं शेयर बाजार में नुकसान होने की असली वजहें और वो common mistakes जो लगभग हर नया निवेशक करता है — ताकि आप खुद को इस नुकसान से बचा सकें!
1.बढ़ते शेयर प्राइस का लालच – 90% निवेशकों की सबसे बड़ी गलती
कल्पना कीजिए: कोई शेयर एक हफ्ते में 20% चढ़ जाता है। आप सोचते हैं, “वाह! यह तो रॉकेट की तरह उड़ रहा है, मिस नहीं करना चाहिए!” लेकिन यहाँ शुरू होती है गलती ! शेयर बाजार में नए निवेशकों द्वारा की जाने वाली सबसे आम और महंगी गलती यही होती है — केवल शेयर का प्राइस बढ़ता देख बिना सोचे-समझे खरीद लेना
नए निवेशक यही गलती करते हैं, जैसे ही किसी शेयर का प्राइस तेजी से बढ़ता है, बिना सोचे-समझे उसमें पैसा लगा देते हैं, नए लोग यह जानने की कोशिश ही नहीं करते कि आखिर शेयर का दाम क्यों बढ़ रहा है। बस प्राइस ग्राफ ऊपर जाता देख, दूसरे लोगों की भीड़ के साथ बहकर उसी शेयर में निवेश कर देते हैं।
नए लोगों को लगता है, “जितना चढ़ेगा, उतना मुनाफा!” पर अक्सर यह पंप-एंड-डंप (बड़े प्लेयर्स द्वारा कीमत बढ़ाकर बेचना) या इसको ऐसा कहे कि शेयर की कीमत कृत्रिम रूप से (आर्टिफिशियली) बढ़ाई जा रही थी, का खेल होता है। लेकिन सच्चाई तब सामने आती है जब पता चलता है कि प्राइस गिरने लगता है तो वही शेयर लोअर सर्किट में फंस जाता है। नतीजा — आप चाहकर भी उस शेयर को बेच नहीं पाते और नुकसान दिन-ब-दिन बढ़ता ही चला जाता है।
मेरी सलाह है कि निवेश करने से पहले प्राइस क्यों बढ़ रहा है इसको जरूर चेक करें, देखे क्या शेयर लगातार 2-3 महीने से ऊपर जा रहा है? या सिर्फ 2-3 दिन की “हवाई उड़ान” है? शेयर खरीदने से पहले 3 दिन इंतज़ार करें। कीमत असली वजह से बढ़ रही है या हेराफेरी से? इस बीच कंपनी के फंडामेंटल्स (कर्ज, प्रॉफिट, मैनेजमेंट) चेक करें।
2.बिना सीखें शेयर मार्केट में निवेश करना
शेयर मार्केट में नुकसान होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है सीखने से पहले पैसे लगाना मतलब लोग बिना शेयर मार्किट को समझे ही निवेश करने लग जाते हैं। कई नए निवेशक (Investor) बस ये सोचते हैं कि “लोग शेयर मार्केट से पैसा कमा रहे हैं, मुझे भी कमाना है।”
नए लोग तो शेयर मार्केट (Stock Market) में आते हैं उन्हें न तो स्टॉक मार्केट के बेसिक रूल्स पता होते हैं, न फंडामेंटल एनालिसिस आता है, और न ही मार्केट का सही माइंडसेट समझ में आता है। फिर भी वो बिना किसी तैयारी के अपने मेहनत की कमाई सीधे बाजार में दांव पर लगा देते हैं — और नतीजा साफ है: नुकसान! जरा सोचिए क्रिकेट की तरह: अगर आप बिना बल्ला-गेंद समझे मैदान में कूदेंगे, तो कोई भी आपको आउट कर देगा। यही हाल शेयर बाजार का है!
शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है, यहाँ एक का फायदा, दूसरे के नुकसान से आता है। बड़े प्लेयर्स नए निवेशकों की गलतियों से पैसा बनाते हैं। इसलिए शेयर बाजार एक Zero Sum गेम कहलाता है | यहाँ जब एक निवेशक गलती करता है, तो कोई दूसरा स्मार्ट इन्वेस्टर उसी मौके पर मुनाफा कमा लेता है।
इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपने बिना सीखे, जल्दबाज़ी में इन्वेस्ट किया — तो आप अपना पैसा किसी और की जेब में डाल रहे हैं। शेयर मार्केट में बड़े प्लेयर्स नए निवेशकों की गलतियों से पैसा बनाते हैं। अगर आपने बिना समझे निवेश किया और किसी स्मार्ट इन्वेस्टर ने रिसर्च के साथ फैसला लिया —तो आपके पैसों से उसी का फायदा होगा, और आपको सीधा घाटा!
मैं तो इस कड़वे सच को जान गया हूँ इसलिए आपको बता रहा हूँ कि शेयर बाजार उन्हें पैसा नहीं देता जो “लक्की” होते हैं। पैसा उनका है जो यहाँ “तैयार” होते हैं! इसलिए सबसे जरूरी यहाँ यही है कि आप पहले शेयर मार्केट को अच्छे से सीखे। शेयर मार्केट में पैसा लगाने से पहले सीखना, रिसर्च करना और सही टाइमिंग समझना ही नुकसान से बचने का सबसे पावरफुल तरीका है।
3.स्टॉप लॉस ना लगाने से हो जाता है बहुत बड़ा नुकसान – यह रिस्क आपको बर्बाद कर देगा
स्टॉप लॉस नहीं लगाया तो? 1 मिनट में डूब सकते हैं ₹1 लाख! हां ये बात सच है- जानिए क्यों ट्रेडर्स के लिए स्टॉप लॉस है “लाइफ जैकेट” ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्युकी शेयर बाजार का रुख सेकंडों में बदलता है, यहाँ स्टॉप लॉस ही आपको बचाता है!
इसलिए प्रोफेशनल ट्रेडर्स की सबसे पहली सीख यही होती है, कि “ट्रेड करो, लेकिन स्टॉप लॉस के साथ” अगर आप वाकई में ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाना चाहते हैं और अपने पैसे को सेफ रखना चाहते हैं, तो हर ट्रेड में Stop Loss लगाना आपकी आदत बननी चाहिए।
एक सवाल जो बदल देगा आपकी ट्रेडिंग: “क्या मैं इस ट्रेड में 100% सही हूँ?” अगर जवाब “नहीं” है, तो स्टॉप लॉस लगाना ही समझदारी है! ये बात हमेशा याद रखें कि स्टॉप लॉस आपका “नहीं” बल्कि – यह आपकी ट्रेडिंग की “सुरक्षा चेन” है
अक्सर देखा गया है कि इंट्राडे ट्रेडिंग या ऑप्शन ट्रेडिंग करने वाले नए ट्रेडर्स स्टॉप लॉस लगाना भूल जाते हैं — और यही गलती उनके पूरे इन्वेस्टमेंट को साफ़ कर देती है। जो लोग इंट्राडे ट्रेडिंग या ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं उनके लिए तो स्टॉप लॉस लगाना बेहद जरूरी है
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4.स्टॉक मार्केट के नियम न मानना? यह गलती आपको बना देगी गरीब
क्यों Warren Buffett से लेकर Rakesh Jhunjhunwala तक सभी ने इन नियमों को माना? समझिए इस “गेम” का राज!
स्टॉक मार्केट में नुकसान का चौथा बड़ा कारण है “नियमों को अनदेखा करना”। चाहे वो इंट्राडे हो या लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग, बिना रूल्स फॉलो किए पैसा बनाना, बिना नक्शे के समंदर में कूदने जैसा है! दुनिया के हर सफल इन्वेस्टर ने इन 3 नियमों को हमेशा फॉलो किया:
- “कभी लालच में नहीं फँसे”
- “फंडामेंटल्स को कभी इग्नोर नहीं किया”
- “रिस्क को हमेशा कंट्रोल किया”
यहाँ पर ये जरूर ध्यान में रखें: शेयर बाजार “अनुशासन” का खेल है। नियम तोड़ोगे, तो पैसा तो डूबेगा ही… साथ में “आत्मविश्वास” भी डूब जाएगा। इसलिए मैं तो यही मानता हूं कि अगर आप सिर्फ लालच में आकर या जल्दी अमीर बनने के चक्कर में मार्केट में कूद पड़ते हैं, तो समझ लीजिए —
नुकसान आपका इंतजार कर रहा है। शेयर मार्केट में पैसा कमाना है, तो रूल्स के साथ चलना ही आपकी असली जीत की चाबी है!
शेयर बाजार के 5 गोल्डन नियम (जो 90% लोग तोड़ते हैं) | |
हर गिरावट के बाद उछाल आता है | लेकिन सिर्फ उन कंपनियों में जिनके फंडामेंटल्स मजबूत हैं |
आपका मुनाफा, किसी का नुकसान है | यह जीरो-सम गेम है। बड़े शार्क्स नए निवेशकों की गलतियों से कमाते हैं |
कंपनी की असली कीमत ही भाव तय करती है | अगर कंपनी घाटे में है, तो शेयर चाहे जितना चढ़े, गिरेगा ज़रूर! |
लंबे समय में फंडामेंटल ही जीतते हैं | टाटा, एचडीएफसी जैसी कंपनियाँ 30 साल से मुनाफा दे रही |
तेजी से बनते हैं करोड़पति, उससे तेजी से बनते हैं कंगाल | बिना नियम के ट्रेडिंग = पैसे को आग में फेंकना |
याद रखें ये 3 बातें: |
बाजार “कानून का जंगल“ है – बिना नियम के यहाँ जिंदा नहीं रह सकते! |
“जल्दी अमीर बनने“ वाले 99% लोग पछताते हैं, 1% भाग्यशाली होते हैं। |
शेयर बाजार में टिकने के लिए अनुशासन (Discipline) ही सबसे बड़ा हथियार है। |
5.घबराहट में गिरते शेयर बेचना → पैनिक सेलिंग की वजह से भारी नुकसान!
जब भी शेयर मार्केट में अचानक से गिरावट यानी क्रैश आता है जैसे कोविड के समय आया था, तो सबसे पहले नए निवेशक घबराहट में बड़े फैसले लेने लगते हैं। डर के मारे वे बिना सोचे-समझे अपने पोर्टफोलियो के अच्छे-खासे शेयर बेचना शुरू कर देते हैं। फिर यही वह सबसे बड़ी वजह होती है, जिससे इन्वेस्टमेंट में भारी नुकसान होता है।
“देखा जाये तो असल में, मार्केट क्रैश वो समय होता है जब डर हावी हो जाता है और लॉजिक कहीं खो जाता है — लेकिन समझदार निवेशक इसी मौके पर ही असली मुनाफा कमाने का रास्ता ढूंढते हैं।“
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो हर बार मार्केट की गिरावट देखकर घबराहट में शेयर बेचने लगते हैं, तो ये आदत आपको अमीर नहीं बल्कि गरीब बनाने का शॉर्टकट है। अक्सर लोग इसलिए शेयर बेच देते हैं क्योंकि उन्होंने कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझने में वक्त ही नहीं दिया होता। उनके दिमाग में बस यही डर बैठ जाता है कि कहीं मार्केट और नीचे न चला जाए और उनका पूरा पैसा खत्म न हो जाए। लेकिन यही तो वो वक्त होता है जब दिग्गज निवेशक सबसे ज्यादा खरीदारी करते हैं
❌ घबराये हुए निवेशक क्या गलती करते है | ✅ समझदार निवेशक क्या करते हैं |
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गिरावट में घबराकर शेयर बेच देना। | गिरावट का कारण समझते हैं और सही समय पर निवेश बढ़ाते हैं। |
कंपनी के बिजनेस को जाने बिना निवेश। | हमेशा कंपनी के फंडामेंटल और बिजनेस मॉडल की रिसर्च करते हैं। |
दूसरों की सलाह पर जल्दबाज़ी में सेल करना। | खुद का एनालिसिस करने के बाद ही निर्णय लेते हैं। |
डर के कारण लॉस में भी शेयर बेचना। | लॉन्ग टर्म सोच रखते हैं और धैर्य के साथ फैसले लेते हैं। |
हर गिरावट को मार्केट का अंत समझना। | गिरावट को नए निवेश का मौका मानते हैं। |
इसलिए अगली बार जब भी बाजार गिरे, तो घबराएं नहीं बल्कि यह जानने की कोशिश करें कि गिरावट का असली कारण क्या है। क्या यह कोई अस्थाई दिक्कत है या कोई बड़ा इकोनॉमिक फैक्टर? सही जानकारी आपको जल्दबाजी में फैसला लेने से बचाएगी और हो सकता है यही गिरावट आपके लिए भविष्य का बड़ा प्रॉफिट लेकर आए। शेयर बाजार में वही लोग टिकते हैं जो डर पर काबू पाकर सही वक्त पर सही कदम उठाना जानते हैं।
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- शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए?
- शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए?
6.कंपनी के बारे में अपनी रिसर्च ना करना
यहाँ शेयर बाजार में अगली बड़ी गलती जो नए निवेशक अक्सर करते हैं — वो है बिना रिसर्च किए सिर्फ दूसरों की सलाह पर आँख बंद करके शेयर को Buy कर लेना। सोशल मीडिया, YouTube, या किसी दोस्त की एक Tip सुनते ही लोग झट से पैसे लगा देते हैं, लेकिन जब मार्केट का रुख बदलता है तो सबसे पहले वही लोग घाटे में फंस जाते हैं।
सोचिए — अगर शेयर बाजार में पैसा लगाना इतना आसान होता कि बस किसी से टिप्स लेकर अमीर बना जा सके, तो आज हर कोई करोड़पति होता। बिना अपनी रिसर्च के, सिर्फ दूसरों की सलाह पर शेयर खरीदना आपकी जेब के लिए सीधा खतरा है।
अगर आप भी शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म में पैसा कमाना चाहते हैं, तो सबसे पहले इस आदत को बदलना जरूरी है। एक सफल निवेशक वही बनता है जो कंपनियों की फंडामेंटल रिसर्च को समझता है, बैलेंस शीट पढ़ना जानता है, Cash Flow Statement को गहराई से एनालाइज करता है और साथ ही प्रॉफिट एंड लॉस (P&L) स्टेटमेंट को भी देखता है।
ज्यादातर लोग इन छोटे लेकिन जरूरी स्टेप्स को अनदेखा कर देते हैं और ये उनको बोरिंग भी लगता है, यहीं से उनका नुकसान शुरू हो जाता है। याद रखिए — शेयर बाजार में कामयाबी शॉर्टकट से नहीं, समझदारी से मिलती है। रिसर्च आपका सबसे पक्का हथियार है!
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7.बिना कंपनी के बिजनेस को समझे उसके शेयर खरीद लेना
क्या आपने भी कभी ऐसा महसूस किया है कि जैसे ही आपने कोई शेयर खरीदा, उसका प्राइस गिरने लगता है और जब बेचने की सोचते हैं, तब वो अचानक ऊपर चला जाता है? और फिर आप सोचते हैं — “यार ये मेरे साथ ही क्यों होता है?”
शेयर बाजार में प्राइस ऊपर-नीचे होना बिल्कुल नॉर्मल है। लेकिन असली समझदार निवेशक वो होता है जो इस उतार-चढ़ाव के पीछे की वजह समझता है। और इसका सबसे कारगर तरीका है — कंपनी के बिजनेस मॉडल को गहराई से समझना।असल में, शेयर बाजार में भाव का बढ़ना या गिरना सिर्फ एक नंबर का खेल नहीं है, इसके पीछे छुपा होता है कंपनी का असली बिजनेस! जब तक आप ये नहीं समझेंगे कि – कंपनी पैसे कैसे कमाती है, उसके प्रोडक्ट्स कितने मजबूत हैं और उसका फ्यूचर प्लान क्या है — तब तक आप सिर्फ अंदाज़ों से ही शेयर खरीदते – बेचते रहेंगे।
कभी सोचा है —
- मार्केट में उसके कॉम्पिटीटर (Competitor) कौन हैं और कंपनी खुद को उनसे कैसे अलग बना रही है?
- क्या उस कंपनी के प्रोडक्ट की डिमांड आने वाले समय में बढ़ेगी?
- कंपनी की फाइनेंशियल हालत कैसी है?
जिन्हें इन सवालों का जवाब नहीं पता होता, वो अक्सर भाव देखकर शेयर खरीदते हैं और फिर गिरावट में फंस जाते हैं। लेकिन जो समझदारी से बिजनेस को परखते हैं — वही शेयर बाजार में असली विनर बनते हैं, तो अगली बार प्राइस देखकर दिल से नहीं, दिमाग से फैसला लीजिए। यही फ़र्क एक समझदार इन्वेस्टर और एक गलती करने वाले निवेशक में होता है।
8.अपने निवेश यानि की Portfolio को डायवर्सिफाई ना करना
शेयर मार्केट में सबसे आम और खतरनाक गलती यही होती है कि लोग सारा पैसा एक ही सेक्टर की कंपनियों में झोंक देते हैं। उन्हें लगता है — “ये सेक्टर अभी हॉट चल रहा है, ज़रूर तगड़ा रिटर्न देगा।” लेकिन हकीकत ये है कि हर सेक्टर की चमक हमेशा के लिए नहीं होती।
मान लीजिए आपने IT सेक्टर को देखकर उसमें खूब पैसा झोंक दिया, लेकिन जैसे ही ग्लोबल मंदी आई — वही IT कंपनियां धड़ाम! और आपका मेहनत का पैसा, सिर्फ कागज़ पर नंबर बनकर रह गया। असल में इंडिया के कई बड़े सेक्टर, खासतौर से IT, फार्मा या मेटल — ग्लोबल इकोनॉमी पर टिके होते हैं। जैसे ही विदेश में मंदी आती है, इन कंपनियों की कमाई पर सीधा असर पड़ता है।
इसलिए एक समझदार इन्वेस्टर कभी भी सारे पैसे एक ही सेक्टर में फंसाकर नहीं रखता। वो अपने पोर्टफोलियो को इस तरह बाँटता है कि अगर एक सेक्टर फिसले तो बाकी संभाल लें।
यही है शेयर बाजार की सबसे सिंपल लेकिन सबसे जरूरी स्ट्रैटेजी – डायवर्सिफिकेशन को अपने portfolio के लिए चुने। तो अगली बार, जब आप निवेश करने जाएं — सेक्टर का ट्रेंड नहीं, अपनी स्ट्रैटेजी देखकर फैसला करें। इससे आपके पैसे सुरक्षित भी रहेंगे और ग्रो (Grow) भी करेंगे।
9.पेनी स्टॉक्स खरीद लेना और नुकसान कर बैठना
पेनी स्टॉक्स का जादू — निवेश की सबसे बड़ी भूल! शेयर बाजार में आते ही अधिकतर नए निवेशक सबसे पहले सस्ते दिखने वाले पेनी स्टॉक्स की तरफ आकर्षित हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि जितना सस्ता शेयर, उतनी ज्यादा quantity और उतना बड़ा पोर्टफोलियो प्रबंधन का satisfaction। लेकिन यही सोच असल में सबसे बड़ी निवेश की गलतियाँ बन जाती है।
ज्यादातर पेनी स्टॉक्स या तो उन कंपनियों के होते हैं जो कर्ज़ में डूबी हों, या फिर उनका बिजनेस मॉडल ही फेल हो चुका होता है। सोचिए — अगर कोई कंपनी वाकई मजबूत होती तो उसका शेयर इतना सस्ता क्यों बिकता? पेनी स्टॉक्स के पीछे अक्सर कमजोर बिजनेस, भारी कर्ज़ या कंपनी के बंद होने का खतरा छिपा होता है। लेकिन नए इन्वेस्टर्स बस इसी सोच में फंस जाते हैं — “10 रुपये वाला शेयर तो सस्ता है, 100 शेयर खरीद लूंगा!”
सबसे पहले, यह समझें कि शेयर बाजार “क्वालिटी ओवर क्वांटिटी” का गेम है। अगर पैसा कम है, तो SIP की तरह थोड़ा-थोड़ा करके अच्छी कंपनियों में निवेश शुरू करें। दूसरा, कभी भी किसी शेयर को सिर्फ इसलिए न खरीदें क्योंकि वह “सस्ता” है—उसके पीछे के बिजनेस, प्रॉफिट, और मैनेजमेंट को रिसर्च करें।
आपको मेरी यही सलाह है कि हमेशा याद रखें: “200 शेयरों वाला पोर्टफोलियो नहीं, 200% रिटर्न देने वाला पोर्टफोलियो असली धनवान बनाता है!”
10.ऑपरेटरों के जाल में फंसकर गंवा रहे हैं पैसा? बड़ी गलती ऐसे बचे
क्या आप जानते हैं कि शेयर बाजार में कई बार शेयर की कीमतें बिना किसी ठोस वजह के अचानक तेजी से बढ़ती हैं? इसका बड़ा कारण होता है – ऑपरेटर का खेल!
आइये पहले समझते हैं कि ऑपरेटर कौन होते हैं, जी हाँ, ऑपरेटर वे लोग होते हैं जो रिटेल निवेशकों यानी छोटे इन्वेस्टर्स को अपने जाल में फँसाते हैं। वो किसी खास स्टॉक का प्राइस एक प्लान के तहत धीरे-धीरे ऊपर चढ़ाते हैं, ताकि नए और अनजान निवेशकों को लगे कि ये शेयर तेजी से ग्रो कर रहा है।
तो आइये अब जानते है कैसे काम करता है ऑपरेटर का यह जाल?
- शेयर खरीदारी का पहला कदम: ऑपरेटर सबसे पहले एक छोटी और कम प्रचलित कंपनी के शेयर बड़ी मात्रा में खरीद लेते हैं।
- सोशल मीडिया और प्रचार का तूफान: इसके बाद, उस कंपनी के बारे में सोशल मीडिया, न्यूज, मैगज़ीन, यूट्यूब चैनल्स, और टेलीग्राम पर लगातार प्रमोशन किया जाता है। इस तरह की ताबड़तोड़ प्रचार से निवेशकों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि शेयर की कीमत भविष्य में जबरदस्त बढ़ने वाली है।
- लालच और फंसा हुआ निवेशक: छोटी कंपनियों के शेयर में अचानक इतना प्रचार होने पर नए निवेशक ललचाते हैं और अपना पैसा लगा देते हैं। यह वही वक्त होता है जब ऑपरेटर तेजी से शेयर की कीमत बढ़ने का फायदा उठाते हैं।
- शेयर का भाव बढ़ना: जैसे-जैसे छोटे निवेशकों का पैसा उस शेयर में आता है, शेयर की कीमत बढ़ने लगती है। ऑपरेटर और ज्यादा भरोसे के साथ प्रमोशन करना शुरू करते हैं, और यह चक्र चलता रहता है।
- ऑपरेटर की शातिर चाल: जब शेयर की कीमत ऑपरेटर के द्वारा खरीदी गई कीमत से बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, तो वह अपने शेयर बेचकर बाहर निकल जाते हैं।
- शेयर की कीमत गिरना: अचानक इतनी बड़ी मात्रा में शेयर बेचने के कारण, उस कंपनी के शेयर की कीमत तेज़ी से गिरने लगती है और लोअर सर्किट लग जाता है।
- निवेशकों को नुकसान: लोअर सर्किट लगने के बाद, कोई भी निवेशक अपने शेयर को बेच नहीं पाता और वह लगातार नुकसान उठाता रहता है।
अगर आप भी बिना रिसर्च, बस भीड़ देखकर स्टॉक में पैसा लगाते हैं तो आप सीधे-सीधे ऑपरेटर के जाल में फँस सकते हैं। इसलिए स्मार्ट निवेशक बनने के लिए जरूरी है कि आप खुद कंपनियों की फंडामेंटल रिसर्च करें और हर शेयर की चाल को समझें।
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- शेयर की कीमत कैसे घटती या बढ़ती है?
- एक दिन पहले ही कैसे पता करें कौन सा शेयर बढ़ने वाला है?
11.पूरा कैपिटल एक साथ निवेश कर देना एक बड़ी गलती
क्या आप भी शेयर बाजार में एक साथ मोटा पैसा लगाकर जल्द अमीर बनने का सपना देख रहे हैं? ज़रा रुकिए — ये आपकी सबसे बड़ी निवेश गलती हो सकती है –
शेयर बाजार में अचानक बड़ी रकम लगाना जितना आसान और लुभावना लगता है, असल में उतना ही रिस्की है। जब आप एक साथ अपनी पूरी कैपिटल मार्केट में निवेश कर देते हैं, तो एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम वहीं से शुरू हो जाती है — लिक्विडिटी यानी कैश की कमी। अगर आप भी lump sum तरीके से पैसे लगाते हैं और खुद के पास इमरजेंसी फंड नहीं रखते हैं, तो यह समय की बड़ी गलती है। लेकिन डरने की जरूरत नहीं, आप इस गलती को अभी सुधार सकते हैं!
SIP (Systematic Investment Plan) एक ऐसी बेहतरीन रणनीति है, जो न सिर्फ बाजार में गिरावट से बचाती है, बल्कि आपकी निवेश यात्रा को स्थिर और सुरक्षित बनाती है। SIP से आप छोटे-छोटे निवेश करके कंपाउंडिंग का पूरा फायदा उठा सकते हैं, और भविष्य में बड़ा रिटर्न पा सकते हैं।
12.धैर्य का साथ छोड़ना = पैसा गंवाना | निवेश की सबसे बड़ी गलती
यहाँ धैर्य की कमी, निवेशक की सबसे बड़ी गलती बन जाती है, हैरानी की बात है कि हर नए निवेशक से ये गलती होती है |शेयर बाजार में पैसा बनता है, लेकिन रातों-रात नहीं, यह बात हर सफल निवेशक अच्छी तरह जानता है, फिर भी अफसोस की बात यह है कि धैर्य की कमी ज़्यादातर लोगों को शेयर बाजार (StockMarket) से बाहर का रास्ता दिखा देती है।
शेयर बाजार में सफलता का सबसे बड़ा राज़ है “समय और धैर्य”, लेकिन 90% निवेशक इसी की कमी से मुनाफे को हाथ से जाने देते हैं। कल्पना कीजिए: आपने एक अच्छा शेयर खरीदा, लेकिन मार्केट में 2-3 हफ़्ते के उतार-चढ़ाव देखकर घबरा गए और शेयर बेच दिया। कुछ महीने बाद वही शेयर 50% ऊपर पहुंच गया! यही “धैर्य की कमी” है जो निवेशकों को बार-बार गलतियां करवाती है।
जब आपका पोर्टफोलियो 1-2 साल तक नुकसान दिखाता है, तो बेचैनी होना लाजमी है – लेकिन यही वो समय होता है जब असली खिलाड़ी इंतजार करते हैं, रिसर्च करते हैं और बाजार की नब्ज़ [चाल] को समझते हैं।
बिना धैर्य के, मार्केट की हर गिरावट आपको नुकसान का एहसास दिलाएगी। जबकि समझदारी ये है कि आप गिरावट के पीछे की वजह को जानें और ये सोचें कि मार्केट कब और कैसे रिकवर करेगा। शेयर बाजार में “स्टोरीज़” से नहीं, “समय” से पैसा बनाता है। अगर वॉरेन बफेट 60 साल तक होल्ड कर सकते हैं, तो आप क्यों नहीं? इसलिए ये याद रखे कि जल्दबाज़ी में बेचे गए शेयर आपको नुकसान दे सकते हैं, लेकिन धैर्य से सही कंपनी में किया गया निवेश आपको असली Profit दिलाएगा।
13.सोशल मीडिया से प्रभावित होकर स्टॉक्स में निवेश करना
आजकल सोशल मीडिया पर स्टॉक से जुड़े टिप्स और मुनाफे के बड़े-बड़े दावे बहुत आम हो गए हैं। खासकर नए निवेशक अक्सर इन पोस्ट्स से प्रभावित होकर बिना रिसर्च के ही शेयर खरीद लेते हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर दिखाया गया हर स्टॉक अच्छा नहीं होता। बिना कंपनी की सही जानकारी और फंडामेंटल को समझे सिर्फ दूसरों के कहने पर निवेश करना सीधा-सीधा नुकसान को दावत देना है।
समझदारी इसी में है कि सोशल मीडिया से आइडिया लें, लेकिन खुद एनालिसिस करने के बाद ही किसी भी स्टॉक में निवेश करें। यही स्मार्ट इन्वेस्टमेंट है, ये बात एकदम सही है कि इन्वेस्टमेंट में रिसर्च ज़रूरी है, सोशल मीडिया का शोर नहीं
14.चार्ट पेटर्न्स और टेक्निकल एनालिसिस करे बिना निवेश करना
शेयर बाजार में निवेश करते समय चार्ट पैटर्न और टेक्निकल एनालिसिस को नजरअंदाज करना एक बहुत बड़ी गलती है। बिना चार्ट देखे और ट्रेंड समझे किसी भी स्टॉक में पैसा लगाना बिलकुल अंधेरे में तीर चलाने जैसा होता है। टेक्निकल एनालिसिस आपको यह समझने में मदद करता है कि किसी शेयर का प्राइस आगे बढ़ेगा या गिरेगा।
कई नए निवेशक सिर्फ दूसरों की सलाह पर भरोसा करके बिना एनालिसिस के निवेश करते हैं और बाद में नुकसान झेलते हैं। स्मार्ट निवेशक हमेशा चार्ट, पैटर्न और मार्केट ट्रेंड को देखकर ही निवेश का सही फैसला लेते हैं।
15.छोटा प्रॉफिट जल्दी बुक, बड़ा Loss होल्ड : निवेश की सबसे बड़ी गलती
छोटा प्रॉफिट जेब में, बड़ा लॉस दिल में – यही है ट्रेडर्स की सबसे बड़ी भूल!” शेयर बाजार में एक कॉमन गलती ज़्यादातर ट्रेडर्स करते हैं, नुकसान वाले स्टॉक्स को दिल थामकर होल्ड करते रहते हैं, और जैसे ही थोड़ा प्रॉफिट दिखता है तुरंत बेच देते हैं। असल में ये प्रॉब्लम ट्रेडर्स में ही ज्यादा देखी जाती है, इन्वेस्टर्स अक्सर इससे बचे रहते हैं।
भावनाओं पर काबू न रख पाना और लॉस से डरना, ट्रेडिंग में सबसे खतरनाक जाल है। अगर आप सच में अपने नुकसान को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो स्टॉप-लॉस लगाना सीखें, छोटे नुकसान को तुरंत एक्सेप्ट करें और प्रॉफिट को समय दें बढ़ने का। यही है स्मार्ट ट्रेडिंग की असली कुंजी!
FAQ’s (Share Market me nuksan kaise hota hai)
शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा नुकसान क्यों होता है?
शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा नुकसान तब होता है जब लोग बिना रिसर्च किए, सिर्फ दूसरों के कहने पर या लालच में आकर निवेश कर बैठते हैं। साथ ही, धैर्य की कमी और गलत समय पर खरीदी-बिक्री भी नुकसान की बड़ी वजह बनती है।
शेयर बाजार में नुकसान कब होता है?
जब आप शेयर बाजार में बिना किसी जानकारी, रिसर्च या समझ के सिर्फ दूसरों के कहने पर निवेश करते हैं, तो नुकसान होना लगभग तय है। बिना कंपनी का फंडामेंटल समझे और मार्केट का ट्रेंड जाने बगैर पैसे लगाना, मानो अंधेरे में तीर चलाने जैसा होता है।
शेयर मार्केट में नुकसान से कैसे बचा जा सकता है?
नुकसान से बचने का सबसे आसान और असरदार तरीका है — सोच-समझकर और प्लानिंग के साथ निवेश करना। SIP में छोटे-छोटे अमाउंट से शुरुआत करें, अच्छी कंपनियों के स्टॉक में लंबी अवधि तक निवेश करें ।
क्या शेयर बाजार में सिर्फ धैर्य से मुनाफा कमाया जा सकता है?
जी हां! धैर्य ही शेयर बाजार का सबसे बड़ा मंत्र है। मार्केट का उतार-चढ़ाव एक आम बात है, लेकिन अगर आप समय के साथ निवेश को बढ़ने का मौका देते हैं, तो कंपाउंडिंग का जादू आपके पैसों को खुद-ब-खुद बड़ा बना देगा।
क्या नए निवेशकों को शेयर मार्केट में हमेशा नुकसान ही होता है?
नहीं, लेकिन नए निवेशकों के लिए नुकसान होना एक सामान्य अनुभव है क्योंकि शुरुआत में वे जल्दबाज़ी में बिना रिसर्च के निवेश करते हैं। सही जानकारी, धैर्य और सीखने की आदत के साथ आप इस नुकसान से बच सकते हैं, आपका निवेश सुरक्षित भी रहेगा और समय के साथ बढ़ता भी रहेगा।
अंत में निष्कर्ष (Conclusion:Share market me nuksan kaise hota hai)
इस लेख “शेयर मार्केट में नुकसान क्यों होता है? 15 गलतियाँ और बचने के तरीके (Expert Tips)” के जरिए आपने यह अच्छी तरह समझ लिया होगा कि शेयर बाजार में नुकसान आखिर क्यों होता है और वो कौन-कौन सी वजहें हैं जो एक निवेशक को नुकसान की तरफ धकेलती हैं।
शेयर मार्केट में कामयाबी का रास्ता सिर्फ किस्मत से नहीं, समझदारी और धैर्य से तय होता है। अगर आप इन बताई गई गलतियों से सीख लेंगे और अपनी रणनीति में सुधार करेंगे, तो यकीन मानिए — आपका निवेश सुरक्षित भी रहेगा और समय के साथ बढ़ता भी रहेगा।
अगर इस पोस्ट को पढ़ते हुए आपके मन में कोई सवाल या सुझाव आया है, तो आप कमेंट बॉक्स में बेहिचक मुझसे पूछ सकते हैं। मैं हर सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा।
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